उत्तराखंड में मतदान होने के बाद राज्य की बीजेपी इकाई से लगातार असंतोष की खबरें आ रही हैं। पहले हरिद्वार से बीजेपी विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए थे तो अब दो और विधायकों ने कहा है कि उन्हें चुनाव में हराने के लिए स्थानीय बीजेपी नेताओं ने भितरघात किया है।
इन विधायकों में चंपावत से कैलाश गहतोड़ी और काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा शामिल हैं। बीजेपी ने इस चुनाव में चीमा के बेटे को चुनाव मैदान में उतारा था। हरभजन सिंह चीमा कई बार विधायक रह चुके हैं।
इसके अलावा कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार ग्रामीण से प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद भी मदन कौशिक से नाराज हैं। इस मामले में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य में पार्टी के संगठन महामंत्री अजेय कुमार से रिपोर्ट मांग ली है।
पार्टी की राज्य इकाई ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और कहा है कि वह इन तीनों विधायकों से बात करेगी। पार्टी के प्रदेश महासचिव कुलदीप कुमार ने कहा कि सभी लोग अपनी बात को बजाए मीडिया के पार्टी के प्रभारी या राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने उठा सकते हैं। पार्टी इस बारे में स्थानीय कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक ले रही है।
कौशिक हैं निशाने पर
स्वामी यतीश्वरानंद और संजय गुप्ता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी माने जाते हैं। इस तरह की चर्चाएं हैं कि मुख्यमंत्री के करीबी लोग आखिर प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा क्यों खोल रहे हैं। उत्तराखंड में चुनाव नतीजे क्या होंगे इसका पता तो 10 मार्च को चलेगा लेकिन इतना साफ दिखाई देता है कि चुनाव के दौरान उत्तराखंड बीजेपी में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं रहा और इसका असर भी चुनाव नतीजों पर हो सकता है।
बता दें कि कुछ दिन पहले विधायक संजय गुप्ता ने मदन कौशिक पर हमला बोल दिया था और कहा था कि कौशिक ने कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को हराने की कोशिश की है।
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