उत्तरकाशी सुरंग में फँसे लोगों को बचाने में अब भारतीय सेना जुट गई है। वर्टिकल ड्रिलिंग में लगी अमेरिकी ऑगर मशीन में तकनीकी ख़राबी आने के बाद अब सेना अपने उपकरणों के साथ पहुँची है। बरमा मशीन को हटाया गया है क्योंकि ड्रिलिंग करते समय एक धातु के पड़ने से ऑगर मशीन ख़राब हो गई। कहा जा रहा है कि अब बाक़ी बचे क़रीब 10-15 मीटर की ड्रिलिंग मैनुअली यानी हाथ से की जाएगी।
भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स से मद्रास सैपर्स की एक यूनिट बचाव कार्यों में सहायता के लिए पहुंची। एक मीडिया ब्रीफिंग में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि ऑपरेशन में लंबा समय लग सकता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने कहा कि श्रमिकों को बचाने के लिए कई योजनाएँ चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई बड़ी बाधा नहीं आती है तो वर्टिकल ड्रिलिंग के माध्यम से सुरंग तक पहुंचने में चार दिन लगेंगे।' हालाँकि अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ डिक्स ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तरकाशी सुरंग के अंदर फंसे लोग क्रिसमस तक बाहर आ जाएंगे। क्रिसमस में क़रीब एक महीने का समय है।
इसका मतलब है कि सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अब कई दिनों या फिर हफ्तों तक इंतज़ार करना पड़ सकता है। अधिकारियों ने कहा है कि सभी 41 लोग प्रकाश, ऑक्सीजन, भोजन, पानी और दवाओं तक पहुँच के साथ सुरक्षित हैं।
वर्टिकल ड्रिलिंग पहले ही शुरू हो चुकी है और 25 टन की ऑगर ड्रिलिंग मशीन द्वारा मलबे को काटने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है।
सिल्कयारा सुरंग स्थल पर बचाव अभियान को एक और चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। मौसम कार्यालय ने 26 नवंबर से 28 नवंबर के बीच बारिश की आशंका जताई है। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, बारिश या गरज के साथ बारिश की संभावना के साथ बादल छाए रहेंगे।
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