पीएम मोदी ने कहा इस जज्बे को सलाम करता हूं
मजदूरों के बाहर आने के बाद पीएंम मोदी ने एक्स पर ट्विट कर अपनी भावनाएं जाहिर की हैं। उन्होंने अपने ट्विट में कहा है कि उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है।सीएम धामी ने प्रेस कांफ्रेस कर दी जानकारी
इस पूरे ऑपरेशन की सफलता के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पीएम मोदी ने लगातार मॉनिटरिंग की थी। उन्होंने मुझे इस ऑपरेशन को सफल बनाने की जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने कहा कि यह बेहद कठिन और चुनौतिपूर्ण काम था। मशीन अंदर बार-बार टूट जा रही थी। दिल्ली जल बोर्ड और गोरखपुर से आये रैट माइनर ने इस काम को आगे बढ़ाया। इन्होंने बहुत निर्णायक काम किया है।उन्होंने बताया कि मजदूरों ने खुद तय किया था कि जो सबसे छोटा होगा वह सबसे पहले निकलेगा और टीम लीडर सब के बाद निकलेगा। ये मजदूर एक अलग वातावरण से बाहर आये हैं। उन्हें डॉक्टरों की सलाह के बाद ही आगे क्या किया जायेगा इसका फैसला होगा। उन्होंने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान देश-विदेश के एक्सपर्ट की मदद ली गई। सीएम ने घोषणा की है कि घटना स्थल के पास मंदिर बनाया जायेगा। सीएम ने कहा कि राहत राशि के लिए सभी श्रमिक भाईयों को एक-एक लाख रुपये का चेक दिया जायेगा। एनएचआई से हम अनुरोध करेंगे कि उन्हें 15-20 दिनों के लिए वेतन सहित छुट्टियां दे। सभी मजदूर स्वस्थ्य हैं।- इससे पहले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा था कि ऑपरेशन में "पूरी रात" लग सकती है।
- 41 मजदूरों को एयरलिफ्ट करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर तैयार रखा गया था। लेकिन ये हेलीकॉप्टर शाम साढ़े 6 तक ही उड़ान भर सकते हैं। इसलिए अब इनका इस्तेमाल मंगलवार को नहीं हो पाया। आवश्यकता पड़ने पर इनका इस्तेमाल बुधवार को हो सकता है।
- एक्यूरेट कंक्रीट सॉल्यूशंस के एमडी अक्षत कात्याल ने पुष्टि की थी कि "...पाइप को बिना किसी बाधा के बहुत सावधानी से अंदर धकेला गया है, एक सफलता हासिल की गई है और पाइप अंदर पहुंच गया है। मजदूरों को बचाने का काम शुरू हो गया है।"
- बचाव दल को मंगलवार को एक बड़ी सफलता तब मिली थी जब 17 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद सिल्कयारा सुरंग में मलबे के माध्यम से पाइप बिछाने का काम पूरा हो गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि "बाबा बौखनाग के असीम आशीर्वाद, देश के करोड़ों नागरिकों की प्रार्थनाओं और ऑपरेशन में शामिल बचाव एजेंसियों की अथक मेहनत से, सुरंग के माध्यम से पाइप बिछाने का काम पूरा हो गया है और हमारे भाई जल्द ही बाहर आएंगे।"
- सुरंग तक पाइप बिछाने के बाद एनडीआरएफ की एक टीम अंदर मजदूरों के पास पहुंची थी।
सिलक्यारा सुरंग के अंदर श्रमिकों के लिए कुछ ऐसी की गई है व्यवस्था। यहाँ से सभी को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिन्यालीसौड और उत्तरकाशी ज़िला अस्पताल ले जाया जाएगा।#uttarkashi #TunnelRescue #UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/KEdUTnEpCl
— Ajit Singh Rathi (@AjitSinghRathi) November 28, 2023
- सुरंग के अंदर एक अस्थायी चिकित्सा सुविधा बनाई गई है। फंसे हुए मजदूरों को निकालने के बाद यहीं पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। किसी भी तरह की परेशानी होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आठ बेड की व्यवस्था की गयी है और डॉक्टरों व विशेषज्ञों की टीम तैनात की गयी है।
- सिल्कयारा सुरंग में फंसे एक मजदूर की मां का कहना है, "मेरे बेटे को फंसे हुए 17 दिन हो गए हैं। जब मेरा बेटा आएगा तो मुझे खुशी होगी। जब तक मैं इसे अपनी आंखों से नहीं देखूंगी, मुझे विश्वास नहीं होगा।"
- फंसे हुए श्रमिकों में से एक गब्बर सिंह के बड़े भाई जयमल सिंह नेगी ने बचाव कार्यों के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।
- एम्स ऋषिकेश के सहायक प्रोफेसर डॉ. नरिंदर कुमार ने कहा कि बचाए गए श्रमिकों को एम्स तभी लाया जाएगा जब उत्तरकाशी जिला अस्पताल में इलाज की आवश्यकताएं पूरी नहीं होंगी। एम्स ऋषिकेश में, ट्रॉमा सेंटर में 20 बेड और कुछ आईसीयू बेड हैं। यदि श्रमिकों को यहां लाया जाता है, तो उन्हें अच्छा इलाज मिल सकता है।
- बचाव दल ने मंगलवार को उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग में 60 मीटर के मलबे को सफलतापूर्वक हटा दिया, जिससे 16 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बड़ी राहत मिली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ड्रिलिंग पूरा होने की पुष्टि की। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से सुरंग बाधित हो गई थी, जिससे मजदूर अंदर फंस गए थे।
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