उत्तर प्रदेश सरकार ने अब खाद्य पदार्थों में थूकने की कथित घटनाओं से निपटने के लिए एक क़ानून लाने का फ़ैसला किया है। सरकार की यह तैयारी तब है जब सोशल मीडिया पर कई वीडियो में दावे किए जाते रहे हैं कि खाने-पीने की चीजों में कई दुकानदार या होटलकर्मी थूक देते हैं। ऐसे आरोप आम तौर पर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ लगाए जाते रहे हैं। दक्षिणपंथी इसको लगातार मुद्दा बनाते रहे हैं। यह मुद्दा तब सामने आ रहा है जब राज्य में 10 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं।
यूपी सरकार ‘खाने में थूकने को रोकने’ के लिए क़ानून लाने की तैयारी में क्यों?
- उत्तर प्रदेश
- |
- 15 Oct, 2024
क्या उत्तर प्रदेश में एक और प्रस्तावित क़ानून पर बड़ा विवाद होने की संभावना है? आख़िर ‘खाने में थूकने को रोकने’ के लिए क़ानून लाने की तैयारी क्यों?

यूपी सरकार ने इससे पहले खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए अपने मालिकों और प्रबंधकों के नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया था जिस पर जर्बदस्त विवाद हुआ था। यह मामला अदालत तक पहुँच गया। इसमें भी आरोप लगाया गया था कि मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए यह नियम बनाया गया था। और अब खाने में थूकने पर क़ानून बनाने पर भी विवाद होने की संभावना है।