loader

यूपी सरकार ‘खाने में थूकने को रोकने’ के लिए क़ानून लाने की तैयारी में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार ने अब खाद्य पदार्थों में थूकने की कथित घटनाओं से निपटने के लिए एक क़ानून लाने का फ़ैसला किया है। सरकार की यह तैयारी तब है जब सोशल मीडिया पर कई वीडियो में दावे किए जाते रहे हैं कि खाने-पीने की चीजों में कई दुकानदार या होटलकर्मी थूक देते हैं। ऐसे आरोप आम तौर पर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ लगाए जाते रहे हैं। दक्षिणपंथी इसको लगातार मुद्दा बनाते रहे हैं। यह मुद्दा तब सामने आ रहा है जब राज्य में 10 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं।

यूपी सरकार ने इससे पहले खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए अपने मालिकों और प्रबंधकों के नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया था जिस पर जर्बदस्त विवाद हुआ था। यह मामला अदालत तक पहुँच गया। इसमें भी आरोप लगाया गया था कि मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए यह नियम बनाया गया था। और अब खाने में थूकने पर क़ानून बनाने पर भी विवाद होने की संभावना है।

ताज़ा ख़बरें

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार शाम को गृह, खाद्य और नागरिक आपूर्ति के साथ-साथ कानून सहित कई विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इसमें खाने में थूकने को रोकने पर कानून के प्रावधानों पर चर्चा की जाएगी।

अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दो अध्यादेश पेश किए जाएंगे। इन्हें अस्थायी रूप से 'छद्म और सद्भाव विरोधी गतिविधियों की रोकथाम और थूकने का निषेध अध्यादेश 2024' और 'उत्तर प्रदेश खाद्य में संदूषण की रोकथाम (उपभोक्ता को जानने का अधिकार) अध्यादेश 2024' नाम दिया गया है।

थूकने या मूत्र मिलाने जैसे कथित मामलों सहित खाद्य पदार्थों में मिलावट की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए योगी आदित्यनाथ ने कई निर्देश जारी किए थे, जिनमें राज्य भर के भोजनालयों में संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों के नाम और पते को अनिवार्य रूप से दिखाना शामिल था।

एक सरकारी बयान में कहा गया था कि खाद्य प्रतिष्ठानों पर संचालक, मालिक, प्रबंधक और अन्य कर्मियों के नाम और पते प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाने चाहिए। इसको लागू करने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम में आवश्यक संशोधन किए जाने चाहिए।
बता दें कि कांवड़ यात्रा के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेहड़ी, पटरी और ढाबों के लिए मालिक के नाम की पर्ची लगाने का आदेश दिया था, जिसकी जबरदस्त आलोचना हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें दखल देते हुए यूपी के फ़ैसले पर रोक लगा दी थी। लेकिन योगी ने नये तरीक़े से पुराने आदेश में थोड़ा बदलाव करते हुए फिर से लागू कर दिया और कहा कि सभी ढाबा, होटल, रेस्टोरेंट मालिकों और उनके कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन भी कराया जाएगा। 
उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

यूपी में यहाँ उपचुनाव

उत्तर प्रदेश में उपचुनावों की घोषणा मंगलवार को हो सकती है। उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं - कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद)। इनमें से नौ सीटें लोकसभा चुनाव में अपने विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ में सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण उपचुनाव हो रहा है। सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें