संभल में मुसलमानों पर कथित पुलिस फायरिंग से ध्यान भटकाने के लिए यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा ने हिंसक घटना को जातिगत कोण दे दिया है। रविवार 24 नवंबर को हुई इस हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई और सैकड़ों मुस्लिम गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस और उसके प्रशासन को दोषमुक्त करते हुए और पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय पर दोष मढ़ते हुए, भाजपा ने उस हिंसा को दो मुस्लिम समुदायों, तुर्क और पठान के बीच लंबे समय से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता के रूप में पेश करने की कोशिश की है।
संभल हिंसाः पुलिस के 'अपराध' को दबाने में जुटी बीजेपी का नया पैंतरा
- उत्तर प्रदेश
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- सत्य ब्यूरो
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- 28 Nov, 2024
संभल हिंसा में पां मुस्लिम मारे गए, सैकड़ों गिरफ्तार किए गए। तमाम वीडियो और फोटो पुलिस अपराध की कहानी बता रहे हैं। लेकिन बीजेपी इसके लिए मुस्लिमों को ही जिम्मेदार बता रही है। इस नैरेटिव को चलाने के लिए उसने नई पैंतरेबाजी की है।

बीजेपी की इस कहानी को हिन्दी मीडिया के एक बड़े वर्ग ने हवा दी और दोहराया। बीजेपी और हिन्दी मीडिया के मुताबिक मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान गोलीबारी की घटना संभल में तुर्क और पठान से संबंधित दो राजनीतिक परिवारों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा थी।