उत्तर प्रदेश में क़ानून का हाल पूरी तरह भगवान भरोसे है। अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि एसडीएम को अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षा मांगनी पड़ रही है। मथुरा के एसडीएम के साथ जो वाकया हुआ है, उसे जानने के बाद यह कहा जाना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों को न क़ानून का ख़ौफ है और न सरकार का और क़ानून व्यवस्था बदमाशों के ठेंगे पर है।
मथुरा के एसडीएम राजीव उपाध्याय ने वीडियो जारी कर इस घटना के बारे में बताया है। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में एसडीएम कहते हैं, ‘मेरे साथ दो होमगार्ड रहते हैं, वे आवास के गेट के पास खड़े थे। एक सफ़ेद फ़ॉर्च्यूनर गाड़ी आई, जिसमें 5 लोग सवार थे, 4 लोग 315 बोर की राइफ़ल लिए थे और ड्राइवर के पास पिस्टल या रिवॉल्वर थी।’ यह घटना शुक्रवार रात 9.20 बजे की है।
एसडीएम ने कहा, ‘सभी लोग सफेद गमछे से पूरा चेहरे ढके हुए थे। होमगार्डों ने समझा कि कोरोना संक्रमण है, इस वजह से लगाए होंगे। गाड़ी रोकते ही बदमाशों ने होमगार्डों से पूछा- डिप्टी कलेक्टर राजीव उपाध्याय यहीं रहता है, तो होमगार्डों ने कहा- हां, यही रहते हैं।’
एसडीएम के मुताबिक़, ‘बदमाशों ने होमगार्डों से कहा- उसको समझा देना, बता देना कि वो डीएम के कहने पर सरकारी संपत्तियों, अवैध निर्माणों और ग्राम सभा संपत्तियों पर बहुत कार्रवाई कर रहा है। उसका समय पूरा हो गया है और उसे हम निपटा देंगे।’
एसडीएम ने जिलाधिकारी और एसएसपी को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
अब आप बताइए कि एसडीएम के सरकारी आवास पर आकर जब बदमाश इतने बड़े अफ़सर को निपटाने की धमकी दे सकते हैं तो कोई आम आदमी उत्तर प्रदेश में कैसे सुरक्षित रह सकता है।
ऐसे बदमाशों को निश्चित रूप से सत्ता का संरक्षण प्राप्त होता रहा है। विकास दुबे जैसे कुख्यात बदमाश भी सत्ताधारियों और पुलिस के सहयोग से कई सालों तक बेख़ौफ़ होकर अपना साम्राज्य चलाते रहे।
हालिया दिनों में ग़ाज़ियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या हो, कानपुर में लैब टैक्नीशियन संजीत यादव की हत्या हो या ऐसी ही कितनी और वारदात, उत्तर प्रदेश की जनता को पता लग चुका है कि यहां अपनी जान ख़ुद ही बचानी होगी क्योंकि उनकी जान बचाने वाला कोई नहीं है। ऐसे में कोई आम आदमी दबंगों के द्वारा धमकाए जाने पर किससे अपनी सुरक्षा की गुहार लगाएगा, इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनता को देना होगा।
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