loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

आगे

बुलंदशहर हिंसा: 36 पर चलेगा राजद्रोह केस, इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या हुई थी

बुलंदशहर के स्याना में 2018 में हुई हिंसा को लेकर 36 आरोपियों पर राजद्रोह का मुक़दमा चलेगा। आरोपियों में ज़िला पंचायत सदस्य और बजरंग दल का नेता योगेश राज भी शामिल है। योगेश राज सहित पाँच आरोपियों पर इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या में शामिल होने का आरोप है। हिंसा के दौरान ही सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी।

अपर सत्र न्यायालय ने राजद्रोह के आरोप में मुक़दमा चलाने का आदेश दिया है। इससे पहले बुलंदशहर की स्याना कोतवाली पुलिस ने इस मामले में राजद्रोह का केस दर्ज करते हुए सरकार से मुक़दमा चलाने की अनुमति मांगी थी। सरकार से उसकी अनुमति मिल गई थी, लेकिन अदालत में अब याचिका दायर हो सकी थी। 

ताज़ा ख़बरें

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार अपर सत्र न्यायाधीश विनीता सिंघल के समक्ष याचिका दायर कर राजद्रोह में भी मुक़दमा चलाने की अनुमति मांगी तो मंगलवार को न्यायाधीश ने इसकी अनुमति दे दी।

रिपोर्ट के अनुसार, न्यायालय ने माना है कि 36 आरोपियों ने एक भीड़ के साथ मिलकर क़ानून व्यवस्था को बिगाड़ा, अराजकता फैलाई और हिंसा को प्रोत्साहित किया। ये सब धारा-124ए के अंतर्गत अपराध हैं।

यह मामला 2018 में बुलंदशहर के स्याना में हिंसा से जुड़ा है। स्याना गाँव में गोवंश के कुछ अवशेष मिलने पर हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवियों ने चिंगरावठी पुलिस चौकी व वहाँ खड़े दर्जनों वाहनों को फूँक डाला था। पथराव भी हुआ था। 

हिंसा के दौरान फायरिंग भी हुई थी और गोली मारकर स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गयी थी। उनकी पिस्टल व मोबाइल लूट लिए गए थे।

हिंसा के मामले में एसआईटी जाँच के बाद पुलिस एफ़आईआर में 27 नामजद और 60 अज्ञात आरोपी थे। इनमें से कई हिंदूवादी नेताओं समेत 44 आरोपियों को जेल भेजा गया था। इसके अलावा कथित गोकशी के मामले में भी 11 आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा गया। जेल से जमानत पर रिहा हुए तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है। दो आरोपियों का मामला पॉक्सो न्यायालय एवं किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

हिंसा के दौरान सुबोध सिंह की हत्या पर कई सवाल खड़े हुए थे। तब रिपोर्ट आई थी कि उनकी हत्या इसलिए की गई थी कि क्योंकि वह एक ईमानदार अफ़सर थे। 

सुबोध कुमार सिंह ग्रेटर नोएडा के दादरी में हुए अख़लाक हत्‍याकांड मामले में जाँच अधिकारी रह चुके थे। यूपी के तत्कालीन प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने कहा था कि सुबोध कुमार सिंह अख़लाक हत्‍याकांड मामले में 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक जाँच अधिकारी रहे थे। बाद में उनका तबादला बनारस कर दिया गया था। उस समय इस पर काफ़ी सवाल भी उठे थे। अखलाक की हत्या के समाय सुबोध नोएडा में जारचा पुलिस स्टेशन के प्रभारी थे। सुबोध की मौत ऐसे समय में हुई थी जब दादरी मामले में एक बार फिर जाँच शुरू होने वाली थी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें