loader

ब्राह्मण वोटों पर घमासान; एसपी से ज़्यादा भव्य परशुराम की मूर्ति लगवाएंगे: मायावती

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोटों को लेकर मचे घमासान के बीच सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय का नारा देने वाली बीएसपी की प्रमुख मायावती फिर से सोशल इंजीनियरिंग की राजनीति पर वापस लौट रही हैं। समाजवादी पार्टी (एसपी) की ओर से यह एलान किए जाने के बाद कि वह लखनऊ में 108 फुट की और हर जिले में भगवान परशुराम की प्रतिमा लगवाएगी, मायावती ने इससे बड़ा एलान किया है। 

कई बार उत्तर प्रदेश की हुकूमत संभाल चुकीं मायावती ने कहा है कि एसपी द्वारा भगवान परशुराम की ऊंची मूर्ति लगवाने की बात कहना चुनावी स्वार्थ है और बीएसपी की सरकार बनने पर हर मामले में एसपी से ज़्यादा भव्य परशुराम की प्रतिमा लगाई जाएगी। 

बीएसपी की कोशिश उत्तर प्रदेश के 23 फ़ीसदी दलित मतदाताओं और 12 फ़ीसदी ब्राह्मण मतदाताओं के दम पर एक बार फिर सूबे की सियासत में नीला झंडा फहराने की है। 

मायावती ही वह नेता हैं, जिन्होंने 2007 से 2012 के अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में मूर्तियों की राजनीति की शुरुआत की थी। मायावती ने लखनऊ के साथ ही नोएडा में भी बाबा साहेब आंबेडकर, कांशीराम और ख़ुद की मूर्तियां लगवाई थीं।

यूपी में ब्राह्मण वोटों पर रार 

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वोटों को लेकर ये सियासी रार कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से शुरू हुई थी। दुबे के एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया पर ब्राह्मण समाज के एक वर्ग ने इस तरह की पोस्ट शेयर करनी शुरू की कि योगी सरकार में उनके समाज के लोगों की हत्याएं हो रही हैं। इसके बाद कांग्रेस, बीएसपी व एसपी ने बीजेपी पर ब्राह्मणों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। 

ताज़ा ख़बरें
मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार ऐसा कुछ ना करे जिससे ब्राह्मण समाज आतंकित‍, भयभीत और असुरक्षित महसूस करे। डैमेज कंट्रोल में जुटी योगी सरकार के तीन ब्राह्मण मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, ब्रजेश पाठक और सतीश द्विवेदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए ब्राह्मणों के बीजेपी के साथ रहने और होने की बात कही थी।
बीजेपी ने विधानसभा से लेकर राज्यसभा में मुख्य सचेतकों की नियुक्ति के मामले में ब्राह्मण कार्ड खेला है और कांग्रेस "ब्राह्मण चेतना संवाद" के माध्यम से ब्राह्मण मतदाताओं को पुनः साधने में जुटी है।
गौरतलब है कि 2007 के विधानसभा चुनाव में मायावती ब्राह्मण वोटों के चलते ही प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही थीं। बदले हालात में एकबार फिर से मायावती ने बीएसपी की ब्राह्मण भाईचारा समिति को सक्रिय करते हुए इस समुदाय को अपने पाले में लाने की जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपी है।

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

कांग्रेस पहले से ही सक्रिय 

उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन वापस पाने को बेकरार कांग्रेस की निगाहें काफी पहले से ब्राह्मणों पर है। पार्टी ने अलग-अलग क्षेत्रों में अपने ब्राह्मण नेताओं को सक्रिय किया है। पिछड़ी जाति से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के साथ बराबर की तरजीह के साथ विधानमंडल दल की नेता आराधना शुक्ला मोना को खड़ा किया है। 
फिलहाल ब्राह्मण ही सूबे की सियासत का केंद्र बने हुए हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सूबे के चारों प्रमुख सियासी दल अपने-अपने तरीके से ब्राह्मण समुदाय को पाले में लाने की कवायद में जुटे हैं।
कांग्रेस ने वाराणसी से सांसद रहे राजेश मिश्रा को पूर्वांचल के ब्राह्मणों को जोड़ने के काम में लगाया गया है। जितिन प्रसाद ब्राह्मण वोट बैंक को फिर से कांग्रेस के पाले में लाने के लिए 'ब्राह्मण चेतना संवाद' की शुरुआत कर चुके हैं और ब्राह्मणों से जुड़े मसलों पर खुलकर सक्रिय हैं। प्रियंका गांधी की अगुआई वाला कांग्रेस नेतृत्व भी ऐसा ही संदेश देने में जुटा है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें