गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
हार
गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर
हार
बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार
जीत
उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतने के लिए पूरी ताक़त झोंक रही बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती किसान आंदोलन है। किसान आंदोलन के जवाब में बीजेपी भी अब पूरे उत्तर प्रदेश में ट्रैक्टर रैली निकालने जा रही है। बीजेपी का किसान मोर्चा इन रैलियों का आयोजन करेगा और ये 16 से 30 नवंबर तक निकाली जाएंगी। पार्टी मऊ से इन रैलियों की शुरुआत करेगी।
किसान आंदोलन का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो जबरदस्त असर है ही, इसके सहारे विपक्षी दलों ने बीजेपी और मोदी सरकार को किसान विरोधी कहकर घेरना शुरू कर दिया है।
बीजेपी और संघ परिवार को इस बात का अंदाजा है कि किसान आंदोलन उनके यूपी को फिर से फतेह करने के सपने को चकनाचूर कर सकता है। इसलिए गृह मंत्री अमित शाह ने ख़ुद इस चुनाव की कमान संभाल ली है।
बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इन रैलियों के जरिए पार्टी किसानों को यह संदेश देगी कि आज़ादी के बाद किसी भी सरकार ने किसानों के लिए इतना काम नहीं किया, जितना मोदी सरकार और योगी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
बीजेपी नेता ने कहा कि पिछले चार सालों में उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का रिकॉर्ड भुगतान हुआ है, बंद पड़ी शुगर मिलों को चालू किया गया है और नई शुगर मिल चलाई गई हैं, साथ ही 86 लाख किसानों का 36 हज़ार करोड़ का कर्ज भी माफ़ किया गया है।
बीजेपी ने अगस्त में किसानों के बीच किसान चौपालों का भी आयोजन किया था और इसके जरिये 58 हज़ार ग्राम पंचायतों तक पहुंचने की कोशिश की थी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले किसान नेता राकेश टिकैत योगी सरकार पर गन्ने का भाव न बढ़ाने, उत्तर प्रदेश में सबसे महंगी बिजली होने, गन्ना किसानों का बकाया सहित किसानों की कई समस्याओं को लेकर लगातार हमला बोल रहे हैं। किसान 5 सितंबर को मुज़फ्फ़रनगर में ‘मिशन यूपी-उत्तराखंड’ के तहत बीजेपी को हराने का एलान कर चुके हैं और 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत करने जा रहे हैं।
पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन बेहद मज़बूत है और लखीमपुर खीरी की घटना के बाद किसान और विपक्ष बीजेपी पर टूट पड़े हैं। विपक्षी दलों की किसान महापंचायतों से भी बीजेपी की सियासी ज़मीन कमजोर हुई है।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किसानों के साथ ही विपक्ष ने भी हल्ला बोल का एलान किया हुआ है। इसलिए इस आंदोलन के कारण बीजेपी की चुनौतियां बढ़ गई हैं। ऐसे में बीजेपी किसान चौपालों और ट्रैक्टर रैलियों के जरिये किसानों के बीच में पहुंचकर उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें