बाबरी मसजिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में ताबड़तोड़ सुनावई तो चल ही रही है, इसी बीच हिन्दू और मुसलिम पक्षों के बीच सुलह की कोशिशें भी अपने स्तर पर जारी हैं। देश भर के तमाम मुसलिम बुद्धिजीवियों ने पूरे विवाद के न्यायालय से इतर निपटारे की वकालत की। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट मसजिद के हक में भी फ़ैसला देता है तो मुल्क के अमन के लिए मुसलिमों को इस ज़मीन पर से दावा छोड़ देना चाहिए। मुसलिम बुद्धिजीवी ‘इंडियन मुसलिम फ़ॉर पीस’ के तहत जुटे थे। इस फ़ोरम में उलेमा शामिल नही हैं और उन्होंने बुलावे के बाद भी इसकी बैठक में शामिल होने से इंकार किया।