बाबरी मसजिद-राम मंदिर सिर्फ़ राजनीतिक मुद्दा नहीं था। इससे जुड़ी हुई थी करोड़ों लोगों की भावनाएँ। मुसलमानों ने ख़ुद इस पर दावा छोड़ दिया होता तो उनका सिर ऊँचा होता और शर्मसार होते मसजिद ढहाने वाले।
अयोध्या मामले में आज ज़बरदस्त हंगामे और हाई वोल्टेज कोर्ट रूम ड्रामा के साथ सुनवाई पूरी हो गई। संभावना है कि 17 नवंबर से पहले इस पर फ़ैसला आ जाएगा। पढ़िए हिंदू और मुसलिम पक्ष ने क्या रखी हैं दलीलें।
क्या बाबरी मसजिद से पहले वहाँ मंदिर था? क्या मुगल शासक बाबर ने किसी मंदिर को ध्वस्त कर वहाँ बाबरी मसजिद बनवायी थी? एएसआई के एक पूर्व अधिकारी क्यों कहते हैं कि पहले मंदिर था।
ऐसे समय जब बाबरी मसजिद-राम मंदिर मामले की सुनवाई अदालत में रोज़ाना हो रही है, याचिकाकर्ता इक़बाल अंसारी पर राजद्रोह का मुक़दमा चलाए जाने की माँग की जा रही है।