अयोध्या सिर्फ राजनीतिक मुद्दा नहीं था। जम्मू से लेकर तमिलनाडु तक और गुजरात से लेकर असम तक, यह करोडों श्रद्धालुओं के दिल से जुड़ा भावनात्मक मुद्दा था। मजहब को अपना सब कुछ समझने वाले मुसलमान यह मामूली-सी मनोवैज्ञानिक बात क्यों नहीं समझ पाए? देश में मसजिदें तो बहुत हैं, लेकिन जन्मस्थान एक ही है। भले राम का जन्म ठीक बाबरी मसजिद के तीन गुम्बदों की 0.30 एकड़ जमीन पर न हुआ हो, सदियों पुराना एक विश्वास है कि श्रीराम वहीं जनमे थे। क्यों न यह जमीन हिन्दुओं को ही दे दी जाए!
यदि बाबरी मसजिद की ज़मीन मुसलमानों ने ख़ुद हिन्दुओं को दे दी होती!
- अयोध्या विवाद
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- 13 Nov, 2019

बाबरी मसजिद-राम मंदिर सिर्फ़ राजनीतिक मुद्दा नहीं था। इससे जुड़ी हुई थी करोड़ों लोगों की भावनाएँ। मुसलमानों ने ख़ुद इस पर दावा छोड़ दिया होता तो उनका सिर ऊँचा होता और शर्मसार होते मसजिद ढहाने वाले।