अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष का मुख्य दावा यह था कि बाबरी मसजिद वहाँ पहले से मौजूद राम जन्मस्थान मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। उनका यह भी दावा था कि जहाँ मसजिद का मुख्य गुंबद था, उसके नीचे ही राम ने जन्म लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू उस मसजिद के अंदर जाते थे और पूजा करते थे।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हिंदू पक्षों द्वारा पेश सबूतों पर ग़ौर किया और यह पाया कि धर्मग्रंथ इस मामले में कोई रोशनी नहीं डालते कि राम की जन्मस्थली ठीक-ठीक कहाँ है सिवाय इसके कि वह अयोध्या में है और सरयू नदी के किनारे है। हाँ, स्कंदपुराण के अयोध्या माहात्म्य में यह ज़रूर लिखा है कि जन्मस्थान के पूर्व, पश्चिम और दक्षिण में कौन-कौनसे मंदिर या आश्रम हैं। लेकिन इससे कोई लाभ नहीं हुआ क्योंकि ये मंदिर या आश्रम आज कहीं नहीं हैं। (विस्तार से पढ़ें - कड़ी 2)