जन गण मनजन गण मन अधिनायक जय हे
राष्ट्र गान की मूल प्रति जो कई पैराग्राफ़ों में छंदबद्ध है!
- इतिहास का सच
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- 14 Aug, 2021
क्या आपको पता है कि रवींद्रनाथ टैगरो का जन गण मन कई पैराग्राफ में लिखी कविता है, जिसका एक छोटा रूप ही राष्ट्र गान के रूप में स्वीकार किया गया? यहाँ पढ़े, मूल राष्ट्र गान।

भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशिष मागे
गाहे तव जय गाथा
जन गण मंगल दायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
जय हे जय हे जय हे
जय जय जय जय हे