कांग्रेस ने मंगलवार को चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की शिकायत की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इन दोनों ने हालिया चुनावी सभाओं में अपने आपत्तिजनक बयानों से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
मंगलवार को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता गुरदीप सप्पल, प्रणव झा, विनीत पुनिया भी शामिल थे। इसने आयोग से मिल कर आचार संहिता के उल्लंघन मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
इस मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 24 नवंबर को स्पष्ट रुप से हमने चुनाव आयोग को शिकायत की थी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
सिंघवी ने बताया कि हमने इस मुलाकात में बताया कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के राजस्थान और मध्यप्रदेश में दिये गये बयान आपत्तिजनक हैं और यह आचार संहिता का उल्लंघन है। इससे कम आपत्तिजनक बाते कहे जाने पर पूर्व में आयोग द्वारा कार्रवाई की जाती रही है।
सिंघवी ने कहा कि दूसरी पार्टियों के विरुद्ध इस बार भी कार्रवाई की जा रही है। कानून सब के लिए बराबर होना चाहिए। आप जितने बड़े पद पर बैठे हैं आपकी जिम्मेदारी उतनी ही अधिक होती है। हमने आयोग से कहा कि हमें आश्चर्य हुआ है कि हमें आयोग के द्वारा बुलाया तक नहीं गया है।
अब जबकि चुनाव करीब अंत चरण में आ गया है ऐसे में आवश्यक है कि चुनाव आयोग मतदान से पूर्व बड़ा स्पष्ट निर्णय दे इन महानुभावों के विषय में। किसी रुप से यह नहीं दर्शाना चाहिए कि इतने बड़े पद पर आसीन लोगों ने यह किया है इसलिए कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
बीआरएस पर भी लगाया आरोप
चुनाव आयोग ने हमें सुना और आशा है कि इन पर जल्द से जल्द एक्शन लिया जायेगा। दूसरा मुद्दा हमने तेलंगाना का उठाया। वहां चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद के साईलेंस अवधि या चुप्पी का समय जो मतदान के पहले का होता है में हमें आशंका है कि बीआरएस इसमें आचार संहिता का उल्लंघन करेगी।
उन्होंने कहा कि हमने उदाहरण दिया मध्य प्रदेश का जहां मुख्यमंत्री ने साईलेंस पीरियड के वक्त मतदान के तुरंत पहले अजीबो गरीब बहाने बना कर कैंपेनिंग की है। एक जगह उन्होंने जनता से वार्तालाप के नाम पर कैंपेनिंग की है।
साईलेंस पीरियड में अगर बीआरएस के लोग गुलाबी रंग के टीशर्ट पहन कर भी मतदाताओं के बीच जाते हैं तो इसे भी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाए। बीआरएस द्वारा लगातार अलग-अलग तरीकों से आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि तीसरा मुद्दा मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पोस्टल बैलेट के साथ छेड़छाड़ के बारे में है। इसमें हमने आयोग को बताया है कि किस तरह से रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं। हमें आशा है कि चुनाव आयोग इन शिकायतों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
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