अमेरिका निर्मित बरमा मशीन को लेकर काफी बड़े दावे किए गए थे। लेकिन जब यह सुरंगा का मलबा हटाने के रास्ते में खराब हो गई तो बड़े-बड़े टनलिंग विशेषज्ञों ने अपना माथा पकड़ लिया। कुछ पूजा करने बैठ गए। अंत में रास्ता यह मिला कि जिस तरह मजदूर कोयले की खानों में या मिट्टी के अंदर छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर कोयला या मिट्टी निकालते हैं, उसी तरीके से इस काम को आगे बढ़ाया जाए। हालांकि यह तरीका अवैज्ञानिक होने के कारण 2014 में इसे कोयला निकालने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन जब आपको 41 जिन्दगियां बचानी हों तो सारे प्रतिबंध और नियम-कानून धरे रह जाते हैं।
सिलसिला जारी है अभी तक 21 मजदूर बाहर निकाल लिए गए है।
— Shivam Yadav (@ShivamYadavjii) November 28, 2023
पूरे देश को जो भी देशभक्त है मुन्ना कुरैशी और वकील खान का धन्यवाद देना चाहिए। pic.twitter.com/qdYIjjOS5V
वकील खान और मुन्ना कुरैशी, दो मुसलमान, अपनी जान पर खेल गये।🫡
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) November 28, 2023
41 मज़दूरों को बचाने में निभाई अहम भूमिका।
अब अंधभक्त इन्हें पाकिस्तान तो नहीं भेजेंगे।
सुनिए, उन्होंने क्या किया, ख़ुद गोदी मीडिया बता रहा?👇 pic.twitter.com/dvCjKyoZTj
उत्तरकाशी में 41 ज़िंदगियों को बचाने वाले वकील खान और मुन्ना कुरैशी को सलाम। देश को आप दोनों की मेहनत पर गर्व है। #UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/TRkyYntBcI
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) November 28, 2023
तुम जैसे नफ़रती एजेंडाधारियों की छाती पर उस वक्त अजगर लौट गया जब @indiatvnews ने चीख-चीख बताया कि टनल में फंसी 41 ज़िंदगियों को बचाने वाले वकील खान और मुन्ना कुरैशी आज इस देश के हीरो हैं। अब तुम में इतना माद्दा कहां कि तुम बता सको कि वकील खान और मुन्ना कुरैशी ने जो किया है वही… https://t.co/WS1ifUR60m
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) November 28, 2023
उत्तराखंड सुरंग बचाव
— Wajidkhan (@realwajidkhan) November 28, 2023
जहाँ तक मुझे पता है, अर्नोल्ड डिक्स ने हार मान ली थी। उन्होंने कहा था कि इसमें क्रिसमस तक का समय लगेगा.
तभी स्थानीय कर्मचारी वकील खान और मुन्ना कुरेशी प्रवेश करते हैं, और मैन्युअल रूप से ड्रिलिंग शुरू करते हैं... और उन्हें सफलता मिलती है।
आज पूरा भारत… pic.twitter.com/AVjK4OmknC
41 ज़िंदगियों को बचाने वाले वकील खान और मुन्ना कुरैशी को बहुत सलाम।
— Kanchana Yadav (@Kanchanyadav000) November 28, 2023
खुली हवा में आज 41 मज़दूर साँस ले पा रहे हैं। पर क्या करे मीडिया और राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि यह परवाह किए बग़ैर कि मज़दूर इतने दिन तक टनल में फँसे थें, उनके परिवार वाले किन-किन ख्यालों से और कितने दुख… pic.twitter.com/rSoMUjATaa
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