जिस बुल्ली बाई ऐप से सैकड़ों मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था उसमें से एक हैदराबाद की मुसलिम महिला एक्टिविस्ट खालीदा परवीन भी हैं। वह 67 वर्ष की उम्र दराज महिला हैं। उन्होंने हैदराबाद पुलिस में 3 जनवरी को एफ़आईआर दर्ज कराई है। खालीदा परवीन की शिकायत के बाद आईपीसी की धारा 509 (एक महिला की शील भंग करने का इरादा) और 345 डी (पीछा करना) और आईटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म गिटहब का इस्तेमाल करते हुए 'बुल्ली बाई' ऐप बनाई गई और इस पर मुसलिम महिलाओं की तसवीरें अपलोड की गई हैं। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब पीड़ित महिलाएँ सोशल मीडिया पर सामने आईं और संवेदनशील लोगों ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर ग़ुस्सा जाहिर किया है।
एक जानी मानी पत्रकार ने ट्विटर पर इस मामले को साझा किया है। उन्होंने दावा किया कि गिटहब पर 'सुल्ली डील्स' की तरह 'बुल्ली बाई' नाम का एक समूह बनाया गया जो मुसलिम महिलाओं की तसवीरें उनके सोशल मीडिया खातों से लेकर लोगों को उनकी 'नीलामी' में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
जब ऑन लाइन इसकी शिकायत की गई तो शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी से लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तक उन महिलाओं के समर्थन में आ गए। जब प्रियंका चतुर्वेदी ने शिकायत की तो आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गिटहब ने यूजर को ब्लॉक करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा था कि सीईआरटी और पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई में समन्वय कर रहे हैं।
इसी बुल्ली बाई ऐप पर हैदराबाद की खालीदा परवीन को भी निशाना बनाया गया। वह कहती हैं कि बुल्ली बाई ऐप पर मुखर मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाया गया है। 'द क्विंट' की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि 'यह कोई संयोग नहीं है कि मेरा नाम नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के लिए ट्विटर पर प्रचार करने के एक दिन बाद सूची में आया।'
परवीन ने 17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में आयोजित एक 'धर्म सम्मेलन' में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण देने वाले कथित संत नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ अभियान चलाया था।
हैदराबाद कार्यकर्ताओं के बीच खालिदा आपा (बहन) के नाम से मशहूर परवीन क़रीब चार दशकों से मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि बुल्ली बाई ऐप ने विशेष रूप से मुखर मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाया जो आवाज़ उठाती रही हैं। क्विंट से उन्होंने कहा, 'शाहीन बाग की मुसलिम महिलाओं ने महीनों तक एक साथ धरने पर बैठने के लिए अपना घर छोड़ दिया। उन्होंने देश को दिखाया कि मुसलिम महिलाएं एक ताकत हैं। दक्षिणपंथियों के लिए ऐसी महिलाएँ ख़तरा हैं।'
हैदराबाद में मुसलिम महिला पत्रकार को भी ऐप पर निशाना बनाया गया। उन्होंने ट्वीट किया था, 'भारत में एक मुसलिम महिला होने की दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता यह है कि मैंने खुद को इससे भी बदतर के लिए तैयार किया है। कोई भी सावधानी बरतने पर भी हम तब तक नहीं बच पाएँगे जब तक हम फासीवादियों को उखाड़ फेंक नहीं देते।'
इनके समर्थन में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी सामने आए।
I demand that @TelanganaCMO @KTRTRS @TelanganaDGP @CPHydCity should immediately arrest these bloody termites,a symbolic FIR is not enough they should be arrested ,the government should avail the services of CI cell & Anti Radicalisation dept of the force. https://t.co/gKtEyTStu1
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 2, 2022
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