चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह और हिंदी माह के समापन के जश्न वाले कार्यक्रम राज्यपाल आरएन रवि भी शामिल हुए। लेकिन समारोह के दौरान तमिल गान 'तमिल थाई वझथु' की एक पंक्ति को छोड़ दिए जाने पर विवाद हो गया।
राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा कि "भारत 'धर्म' से कैसे दूर हो सकता है? धर्म-निरपेक्षता एक यूरोपीय अवधारणा है और इसे वहीं रहने दें। भारत में धर्म-निरपेक्षता की कोई ज़रूरत नहीं है।” आख़िर उनके बयान के मायने क्या हैं?
तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय अवधारणा नहीं है, यह यूरोपीय अवधारणा है। तो क्या भारत में कुछ लोग धर्मनिरपेक्षता का विरोध करते हैं, यदि करते हैं तो किस आधार पर?
सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पोनमुडी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी और तीन साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया था। इसके बावजूद राज्यपाल ने पहले शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को आय से अधिक संपत्ति के मामले में पोनमुडी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी और तीन साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया था। जानिए, अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को क्या कहा।
तमिलनाडु में स्टालिन सरकार और राज्य के राज्यपाल के बीच तनातनी इस हद तक पहुँच गई कि राज्यपाल ने विधानसभा में पारंपरिक अभिभाषण तक नहीं पढ़ा। जानिए, आख़िर क्या मामला है।
विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों द्वारा विधेयकों पर तरह-तरह का अड़ंगा लगाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से तमिलनाडु के राज्यपाल की अलोचना की है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।
तमिलनाडु में डीएमके के नेतृत्व वाली एमके स्टालिन सरकार और राज्यपाल के बीच तनातनी का मामला राष्ट्रपति भवन पहुँच चुका है। जानिए स्टालिन ने राष्ट्रपति से राज्यपाल की क्या शिकायत की है।
क्या किसी राज्य का राज्यपाल बिना मंत्रिमंडल की सलाह के ही किसी मंत्री को बर्खास्त कर सकता है? जानिए, तमिलनाडु में आख़िर क्यों स्टालिन सरकार और राज्यपाल के बीच तनातनी की स्थिति बनी।
पेश किये गये प्रस्ताव में राज्यपाल आरएन रवि पर संविधान तथा स्थापित परंपराओं के खिलाफ काम करने और सदन की गरिमा को कम करने, संसदीय लोकतंत्र में विधायिका की सर्वोच्चता को कम करने का आरोप भी लगाया गया है।
राज्यपालों ने अपनी संविधान के रक्षक की भूमिका से आगे निकल कर राज्य सरकारों के रोजमर्रा के काम में दखल देना शुरू कर दिया है। जिसके कारण चुनी गई सरकार और उनके बीच तनातनी का माहौल रहता है। और यह केवल एक राज्य में नहीं हो रहा है। यह हर उस राज्य की में हो रहा है जहां सीधे तौर पर बीजेपी सत्ता में नहीं है।