इंग्लैंड के बाद अमरीका ने भी फाइजर की वैक्सीन को हाँ कह दिया है और भारत में भी हाँ कहने की प्रक्रिया शुरू हो गई है । यूरोप के दूसरे देश भी क़तार में हैं । खाड़ी के देशों में भी हलचल तेज़ है । रूस पहले ही अपनी वैक्सीन लेकर बाज़ार में है और चीन भी ज़्यादा पीछे नहीं । 2021 कोरोना वैक्सीन का वर्ष होने जा रहा है पर क्या दुनियाँ के ग़रीब लोग उस गिनती में हैं जिन तक वैक्सीन पहुँचनी है ? पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह