एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में कहा गया है कि फाइजर की तुलना में एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन से जुड़े मामलों में ब्लड क्लॉटिंग का जोखिम ज़्यादा रहा है। इसमें कहा गया है कि यह 30 फ़ीसदी तक अधिक है।
एस्ट्राज़ेनेका की कोविड वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग का जोखिम ज़्यादा: शोध
- स्वास्थ्य
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- 28 Oct, 2022
एस्ट्राज़ेनेका की जिस कोविड वैक्सीन को लेकर शुरू से ही ब्लड क्लॉटिंग की शिकायतें आती रही थीं उसको लेकर अब अध्ययन सामने आया है। जानिए, इसमें क्या ख़तरा सामने आया है।

कोरोना टीके लगाने के बाद ब्लड क्लॉटिंग यानी ख़ून के थक्के जमने की शिकायतें कई बार आ चुकी हैं। पिछले साल एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर यूरोपीय यूनियन के बड़े देशों- जर्मनी, इटली, फ्रांस जैसे कई देशों ने तात्कालिक तौर पर रोक लगा दी थी। ऐसे मामले भारत में भी आए थे। टीकाकरण के बाद विपरीत प्रभावों पर नज़र रखने वाले सरकारी पैनल ने कहा था कि कोविड वैक्सीन के बाद रक्तस्राव और थक्के जमने के मामले मामूली हैं और ये उपचार किए जाने के अपेक्षा के अनुरूप हैं।