दो दिन पहले ही जिस Mpox वायरस को डब्ल्यूएचओ ने हेल्थ इमर्जेंसी घोषित किया है, वह पड़ोस के देश पाकिस्तान में पहुँच चुका है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को बताया कि पाकिस्तान में एमपॉक्स वायरस के तीन मामले पाए गए हैं। हालाँकि, इनमें से एक अभी भी संदिग्ध केस है।
पाकिस्तान में सबसे पहले एमपॉक्स का पता संयुक्त अरब अमीरात से आए मरीजों में चला। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक के अनुसार, दो मरीजों के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जबकि तीसरे मरीज के नमूने पुष्टि के लिए इस्लामाबाद के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान भेजे गए हैं। फिलहाल तीनों मरीजों को क्वारंटीन किया गया है।
यूरोप के देश स्वीडन में भी एमपॉक्स वायरस के नए वैरिएंट का एक मामला सामने आया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, व्यक्ति अफ्रीका के उस हिस्से में रहने के दौरान संक्रमित हुआ, जहां एमपॉक्स का नया स्ट्रेन फैल रहा है।
जनवरी 2023 में मौजूदा प्रकोप शुरू होने के बाद से कांगो में 27,000 मामले आए हैं और 1,100 से अधिक मौतें हुई हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे हैं। दो दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा अफ्रीका में इस बीमारी के बढ़ते मामलों के बीच वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है।
जानिए, एमपॉक्स क्या है
एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है। वैज्ञानिकों ने इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1958 में की थी, जब बंदरों में 'पॉक्स जैसी' बीमारी का प्रकोप हुआ था। एपी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही तक मानव में इस बीमारी के अधिकांश मामले मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के लोगों में देखे गए थे, जो संक्रमित जानवरों के साथ निकट संपर्क में थे।
लक्षण क्या?
एमपॉक्स, चेचक के समान वायरस के परिवार से संबंधित है, लेकिन इसके लक्षण हल्के होते हैं। एमपॉक्स से संक्रमित लोगों को अक्सर दाने हो जाते हैं जो हाथ, पैर, छाती, चेहरे या मुंह या जननांग क्षेत्रों के पास हो सकते हैं। दाने आखिरकार फुंसी (मवाद से भरे बड़े सफेद या पीले दाने) और पपड़ी जैसे बन जाते हैं। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। दुर्लभ मामलों में, संक्रमण घातक हो सकता है।
कांगो में इसका प्रकोप एक स्थानीय स्ट्रेन क्लेड-I के फैलने से बढ़ा है। इसका एक नया वेरिएंट क्लेड Ib नियमित निकट संपर्क के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता दिखता है। इसका प्रकोप कांगो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत पड़ोसी देशों में फैल गया है।
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