फाइजर और मॉडर्ना ने राज्यों से कहा है कि वे भारत सरकार से ही सौदा कर सकती हैं और अब केंद्र सरकार ने कहा है कि उन दोनों कंपनियों के पहले से ही ऑर्डर फुल हैं। यानी भारत को अभी इन कंपनियों की वैक्सीन के लिए अनिश्चित समय के लिए इंतज़ार करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति क्यों आई? आप ख़ुद ही अंदाजा लगाइए। यह वही फाइजर कंपनी है जो दिसंबर में ही अपनी वैक्सीन भारत में उपलब्ध कराने के लिए आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांग रही थी और भारत सरकार ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। जनवरी की शुरुआत तक तो दुनिया के कई देशों ने मंजूरी दे भी दी थी। अमेरिका ने तो इस कंपनी को पिछले साल जुलाई में ही 10 करोड़ खुराक के लिए अग्रिम ऑर्डर दे दिया था। बाद में इसने मॉडर्ना को भी ऐसे ऑर्डर दिए। यूरोपीय देश भी पीछे नहीं रहे और इन्होंने भी दोनों कंपनियों को करोड़ों खुराक के लिए ऑर्डर दिए। तो फिर भारत क्यों पीछे रहा?