हरियाणा, महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर चिंता व्यक्त करते हुए बैलेट पेपर वोटिंग की वकालत की। लेकिन अब इंडिया गठबंधन के ही दलों के सुर क्यों बदले?
उमर अब्दुल्लाह ने बुधवार 16 अक्टूबर को जम्मू कश्मीर के सीएम के पद की शपथ ले ली है। खबर है कि कांग्रेस उनके मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी। सितंबर-अक्टूबर के जम्मू-कश्मीर चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस का दबदबा रहा और उसने 90 में से 42 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस केवल छह सीटें जीत पाई।
2018 में राज्यपाल शासन के तहत छह महीने पूरे होने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। इसके बाद इसका राज्य का दर्जा छीन लिया गया। धारा 370 को खत्म कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराये गये। जिसमें नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिला है। नेशनल कान्फ्रेंस के उमर अब्दुल्लाह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
कश्मीर घाटी में 'प्रॉक्सी' दलों की आड़ में लोकसभा चुनाव लड़ने का भाजपा का प्रयोग बुरी तरह नाकाम रहा है क्योंकि उन सभी दलों के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। राज्य में विधानसभा चुनाव कभी भी हो सकते हैं। चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न पर सुझाव मांगे हैं। ऐसे में भाजपा क्या कश्मीर घाटी में चुनाव लड़ पाएगी या फिर इन्हीं प्रॉक्सी दलों को उतारेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 7 मार्च को जम्मू कश्मीर का दौरा किया है। इस मौके पर श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में उन्होंने 6400 करोड़ से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया है।
इंडिया गठबंधन से एक के बाद एक राजनीतिक दल क्यों निकलते जा रहे हैं? जानिए, जम्मू कश्मीर में फारुक अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के चुनाव लड़ने को लेकर क्या कहा और उमर अब्दुल्ला ने क्या सफाई दी।
उमर अब्दुल्ला ने बीते दिनों में मुल्क की सियासत में उठे सांप्रदायिक मसलों को लेकर बेहद तल्खी के साथ अपनी बात रखी है। जानिए उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने, हलाल मीट को लेकर क्या कहा?