देश में 21वीं सदी की चुनौतियों को देखते हुए नीति और प्रमुख मुद्दों पर गहन शोध करने वाला थिंक-टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च अब कैसे काम करेगा? जानिए, इस पर गृह मंत्रालय ने कार्रवाई क्यों की।
कुछ दिन पहले ही ऑक्सफैम के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी और अब पर्यावरण के लिए काम करने वाले एक वकील के ख़िलाफ़ सीबीआई ने केस दर्ज किया है। जानिए क्या है आरोप।
हाल ही में ऑक्सफैम की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि भारत के 1% अमीरों के पास 40% संपत्ति है। इसी ऑक्सफैम इंडिया के ख़िलाफ़ सीबीआई ने कार्रवाई की है। जानें क्या है आरोप।
देश के सबसे ज़्यादा चढ़ावा पाने वाले ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पास विदेशी मुद्राओं का ढेर क्यों लगता जा रहा है? आख़िर वो मुद्राएँ क्यों नहीं जमा ली जा रही हैं?
जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'एक टॉप रिसर्च इंस्टिट्यूट जो मई 2014 के बाद से ही सत्ता का करीबी था, लेकिन अब उसे उसकी स्वतंत्र सोच के लिए परेशान किया जा रहा है।
भारत के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर अनुसंधान में शामिल रहे थिंक टैंक सीपीआर का लाइसेंस निलंबित क्यों किया गया? जानें छह महीने पहले इसका आईटी सर्वे क्यों किया गया था।
भारत ने फॉरेन करंसी रेगुलेशन एक्ट में कुछ बदलाव किए हैं। इससे अब विदेश से ज्यादा पैसा मंगाना आसान होगा। ये नियम सभी पर लागू होंगे। बैंकों, अन्य वित्तीय संस्थाओं, एनजीओ और आम लोगों को इससे थोड़ी राहत मिलेगी। कुल मिलाकर अब ज्यादा पैसा मंगाया जा सकेगा।
क्या विदेशी चंदा मामले में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने ग़लत तरीक़े से एनजीओ को मंजूरी दी? जानिए, सीबीआई की जाँच के दायरे में गृह मंत्रालय के अधिकारी क्यों।
क्या गैर सरकारी संगठनों द्वारा विदेशी चंदा लेने से देश की राजनीति प्रभावित हो सकती है और संप्रभुता पर आँच आ सकती है? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने एफ़सीआरए में संशोधन पर क्या कहा है।
मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी को विदेशी चंदे के रूप में कितने पैसे मिले हैं? वह उनका क्या करती है? लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर सरकार की मंशा क्या है?