गृह मंत्रालय ने देश के अग्रणी थिंक-टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च यानी सीपीआर का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम यानी एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई कथित तौर पर विदेशी फंडिंग क़ानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए की गई है। विदेशों से चंदा हासिल करने के लिए एफसीआरए लाइसेंस का होना ज़रूरी होता है।
थिंक-टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का एफसीआरए लाइसेंस रद्द
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- 17 Jan, 2024
देश में 21वीं सदी की चुनौतियों को देखते हुए नीति और प्रमुख मुद्दों पर गहन शोध करने वाला थिंक-टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च अब कैसे काम करेगा? जानिए, इस पर गृह मंत्रालय ने कार्रवाई क्यों की।

सीपीआर का एफ़सीआरए लाइसेंस एक साल पहले निलंबित कर दिया गया था। सीपीआर का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल फरवरी में पहले 180 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था और फिर निलंबन को 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था। अब एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि रद्द करने का निर्णय पिछले सप्ताह लिया गया था और संगठन को बता दिया गया है।