सीबीआई ने विदेशी चंदा के लिए एनजीओ को मंजूरी देने के मामले में घूसखोरी के आरोपों में 14 लोगों को गिरफ़्तार किया है। इसमें गृह मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं।
एक दिन पहले ही सीबीआई ने एनजीओ से जुड़े 40 स्थानों पर छापे मारे थे। ये छापे दिल्ली, राजस्थान, चेन्नई, हैदराबाद, कोयंबटूर, और मैसूर जैसे शहरों में मारे गए। इस मामले में सरकारी अधिकारियों से पूछताछ की गई थी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत के बदले गैर-सरकारी संगठनों यानी एनजीओ को अवैध विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम यानी एफसीआरए की मंजूरी दी।
हालाँकि, अभी तक यह साफ़ नहीं है कि गिरफ़्तार किए गए लोगों में कितने गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं और कितने एनजीओ से जुड़े अधिकारी, लेकिन एक दिन पहले सूत्रों के हवाले से ख़बर आई थी कि गृह मंत्रालय के सरकारी अधिकारी, एनजीओ के प्रतिनिधि और बिचौलिए को विदेशी फंडिंग क्लीयरेंस हासिल करने के लिए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी थी, 'लगभग आधा दर्जन लोक सेवकों और अन्य से पूछताछ की जा रही है। अब तक की तलाशी के दौरान हवाला चैनलों के जरिए करीब दो करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया है।'
विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के तहत कई गैर सरकारी संगठनों को मंजूरी देने में गृह मंत्रालय के भीतर कथित भ्रष्टाचार पर सीबीआई द्वारा देशव्यापी कार्रवाई के बाद गिरफ्तारियां हुईं।
गृह मंत्रालय का एफसीआरए विभाग, मंत्रालय के विदेश विभाग का हिस्सा है और एफसीआरए के तहत गैर सरकारी संगठनों को विदेशों से धन प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए ज़िम्मेदार है। यदि वे कानून का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो पंजीकरण रद्द किए जा सकते हैं।
पिछले महीने डिवीजन ने एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए ईसाई इवेंजलिज़्म से जुड़े कुछ अन्य गैर सरकारी संगठनों के साथ अंतरराष्ट्रीय एनजीओ कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के एफसीआरए पंजीकरण को रद्द कर दिया था।
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