तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम यानी टीटीडी के पास चढ़ावा ही इतना आता है कि उसके पास रुपयों का ढेर लगा रहता है, लेकिन अब उसको विदेशी मुद्राओं के ढेर लगने से उसके सामने एक अलग ही दिक्कत खड़ी हो गई है। देश के सबसे अमीर ट्रस्ट टीटीडी को चढ़ावा में मिले 26 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रक़म विदेशी मुद्राओं में जमा हो गई है, लेकिन उनको उसके बैंक खाते में जमा नहीं लिया जा रहा है। ट्रस्ट के सामने यह दिक्कत इसलिए आई है कि इसका एफ़सीआरए यानी विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के तहत पंजीकरण को नवीनीकृत नहीं किया जा सका है।
तिरुपति ट्रस्ट में आख़िर विदेशी मुद्राओं का ढेर क्यों लग गया?
- आंध्र प्रदेश
- |
- |
- 27 Mar, 2023
देश के सबसे ज़्यादा चढ़ावा पाने वाले ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पास विदेशी मुद्राओं का ढेर क्यों लगता जा रहा है? आख़िर वो मुद्राएँ क्यों नहीं जमा ली जा रही हैं?

किसी ट्रस्ट या फिर संस्था को विदेशों से चंदा या चढ़ावा जैसी कुछ भी चीज हासिल करने के लिए एफसीआरए लाइसेंस का होना ज़रूरी होता है। चूँकि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के तहत कई मंदिर आते हैं और दान पेटियों में कोई भी शख्स चढ़ावा चढ़ाता है इसलिए ये मुद्राएँ इकट्ठी होती जा रही हैं।