तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम यानी टीटीडी के पास चढ़ावा ही इतना आता है कि उसके पास रुपयों का ढेर लगा रहता है, लेकिन अब उसको विदेशी मुद्राओं के ढेर लगने से उसके सामने एक अलग ही दिक्कत खड़ी हो गई है। देश के सबसे अमीर ट्रस्ट टीटीडी को चढ़ावा में मिले 26 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रक़म विदेशी मुद्राओं में जमा हो गई है, लेकिन उनको उसके बैंक खाते में जमा नहीं लिया जा रहा है। ट्रस्ट के सामने यह दिक्कत इसलिए आई है कि इसका एफ़सीआरए यानी विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के तहत पंजीकरण को नवीनीकृत नहीं किया जा सका है।