शशि थरूर ने कहा है कि पार्टी के नए अध्यक्ष खड़गे अनुभवी हैं और उन्हें भरोसा है कि खड़गे के नेतृत्व में हम सभी मिलकर पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने कांग्रेस को जिंदा करने की चुनौती है। गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनाव सामने हैं और साल 2023 में 10 राज्यों में विधानसभा के चुनाव के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव भी होने हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में सीक्रेट बैलेट के जरिए मतदान हुआ था। चुनाव प्रचार के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर ने तमाम प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के दफ्तर में जाकर अपने लिए समर्थन मांगा था।
निश्चित रूप से अशोक गहलोत और मनीष तिवारी जैसे पुराने और कांग्रेस के बड़े नेताओं के खुलकर खड़गे के समर्थन में आने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे का पलड़ा भारी हो गया है। दूसरी ओर, शशि थरूर के समर्थन में अभी तक किसी भी बड़े नेता ने इस तरह की अपील नहीं की है।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग होनी है और 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के साथ ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। इस चुनाव में खड़गे के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर को दक्षिण भारत से कांग्रेसियों का वो समर्थन नहीं मिल रहा है, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। 6 अक्टूबर को तमिलनाडु के अधिकांश कांग्रेसी प्रतिनिधि थरूर की बैठक में आए ही नहीं। केरल के बाद तमिलनाडु ने भी थरूर को निराश किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि उन्हें राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए कहा था। थरूर ने कहा कि पार्टी के बड़े नेता मेरे साथ नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद मैं पीछे नहीं हटूंगा, क्योंकि जो मेरे साथ हैं, मैं उन्हें धोखा नहीं देना चाहता। थरूर ने केरल में यह बात कही।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने खड़गे पर अब नए तरीके से हमला बोला है। उन्होंने खड़गे के बयान से सहमति जताते हुए बीजेपी-आरएसएस से लड़ने की बात कही है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल शशि थरूर ने रविवार को पीटीआई और एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि वो प्रत्याशियों के बीच में डिबेट को तैयार हैं। थरूर ने यह भी कहा कि खड़गे बहुत सीनियर हैं लेकिन वो बदलाव नहीं ला सकते हैं।
खड़गे साल 1969 में पहली बार गुलबर्ग शहर कांग्रेस के अध्यक्ष बने और 1972 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। इसके बाद वह 8 बार विधायक का चुनाव जीते। साल 1976 में पहली बार उन्हें देवराज उर्स की सरकार में मंत्री बनाया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्मीदवारी से कांग्रेस को क्या फायदा होगा? क्या दलित और दक्षिण भारत से उनके होने का फायदा कांग्रेस को 2024 में मिल पाएगा?
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में 8 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं और एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की सूरत में 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के साथ ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। देखना होगा कि क्या कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए मतदान की स्थिति आएगी।