बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत के बाद एक बार फिर से नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले पर वाद-विवाद शुरू हो गया है। तो क्या शराबबंदी से वाक़ई फायदा नहीं है?
नीतीश ने गुरूवार को भी जो शराब पिएगा वह मरेगा वाला बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद बिहार में सियासत गर्म है। विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं ने नीतीश कुमार के इस बयान को बेहद असंवेदनशील बताया है।
बिहार में जहरीली शराब पीने से मौतों का आंकड़ा 50 से ज्यादा हो गया है और नीतीश कुमार शराबबंदी के फैसले को लेकर बुरी तरह घिरते दिखाई दे रहे हैं। क्या शराबबंदी वाकई फेल हो गई है?
नीतीश कुमार ने कहा है कि जब शराबबंदी नहीं थी तब भी यहां लोग जहरीली शराब से मरते थे और अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में लोग जहरीली शराब पीने से मरते हैं। शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब पीने की वजह से लगातार मौतों की खबर आने से साफ है कि यहां शराबबंदी पूरी तरह फेल हो गई है।
बिहार में नकली शराब से 24 लोगों के मारे जाने की ख़बर आई तो विधानसभा में हंगामा मचा। जानिए विधानसभा में जब नीतीश सरकार में शामिल रही बीजेपी ने अब सवाल उठाए तो नीतीश ने क्या जवाब दिया।
गोपालगंज से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बीच सड़क पर एक गाड़ी से लोग शराब लूट रहे हैं। आसपास खड़े लोगों ने इस लूट का वीडियो बना लिया और यह वायरल हो गया।
बिहार में शराबबंदी कितनी सफल हुई है इसका अंदाज़ा बिहार विधानसभा से लगाया जा सकता है। तेजस्वी यादव ने सनसनी आरोप लगाया कि विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिली है।
बिहार में शराबबंदी का क्या असर हुआ है? क्या यह अपने मक़सद में कामयाब रहा है? यदि ऐसा है तो जहरीली शराब से आए दिन मौत की ख़बरें क्यों आती रहती हैं? क्या नीतीश शराबबंदी के फ़ैसले पर फिर से विचार करेंगे?