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शराबबंदी वाले बिहार में दुल्हन के कमरों में शराब तलाश करती पुलिस की तसवीर तो आपने देखी होगी, लेकिन क्या विधानसभा परिसर में शराब की बोतल मिलने की कल्पना की जा सकती है! 'शराब की बोतल मिलने' पर हंगामा मचा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने आज सवाल पूछा 'बिहार विधानसभा परिसर के अंदर शराब की बोतल कहां से आई?'
यह सवाल उन्होंने विधानसभा के अंदर भी पूछा और ट्विटर पर एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें कुछ खाली बोतलें दिख रही हैं। दावा किया गया कि वो बोतलें विधानसभा परिसर में पड़ी हुई मिलीं।
मुख्यमंत्री सचिवालय के बाद आज बिहार विधानसभा परिसर में भी शराब की बोतलें बरामद।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 30, 2021
हाँ! बिहार में कथित शराबबंदी है जिसके कारण राज्य में 20 हज़ार करोड़ से अधिक की समानांतर अवैध अर्थव्यवस्था चल रही है। प्रशासनिक अराजकता के कारण चहुँओर अव्यवस्था, तस्करी और भ्रष्टाचार चरम पर है। pic.twitter.com/IAONlCKy2f
सदन के अंदर भी तेजस्वी ने आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर के अंदर शराब की बोतल कहां से आई, इसका मुख्यमंत्री को खुद मुआयना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबको पता है, होम डेलिवरी होती है तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं होती है? उन्होंने कहा, 'शराब माफिया के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तसवीर हमने देखी है। नीतीश कुमार के मंत्रियों को अपराध करने की छूट है। सीएम को बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए।'
आरजेडी नेता तेजस्वी के सवालों के जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिए। उन्होंने विधानसभा में कहा, 'मैंने उप मुख्यमंत्री से पूछा, उन्होंने कहा कि इस परिसर में कहीं शराब की बोतलें मिलीं। यह बेहद बुरी बात है। यह कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है? मैं स्पीकर के सामने यह कहता हूँ, अगर वह अनुमति देते हैं तो मैं सभी से आज ही इसकी जाँच करने के लिए कहूंगा।'
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मुख्य सचिव और डीजीपी को जांच कराने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा, 'यहाँ बोतलें आ जाएँ तो यह कोई सामान्य बात नहीं है। ऐसा करने वाले को बख्शा नहीं जाना चाहिए। सख्त कार्रवाई की जाए।' इस बीच बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 'मैं सदन के नेता से कहना चाहूंगा कि कार्रवाई ज़रूर होनी चाहिए।'
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में कथित शराबबंदी है जिसके कारण राज्य में 20 हज़ार करोड़ से अधिक की समानांतर अवैध अर्थव्यवस्था चल रही है। आरजेडी नेता ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अराजकता के कारण चहुँओर अव्यवस्था, तस्करी और भ्रष्टाचार चरम पर है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही बिहार के कई ज़िलों में देसी शराब के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि क़रीब 50 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने के कारण हुई थी। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। यह मांग की जाने लगी थी कि शराबबंदी हटाई जानी चाहिए। लेकिन नीतीश कुमार ने शराब क़ानून को और कड़ाई से लागू करने के आदेश दिए थे।
जहरीली शराब से हुईं मौतों ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बिहार में शराबबंदी फ़ेल हो गई है? ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ऐसा नहीं है, तो फिर लोगों तक शराब कैसे पहुँचती है और प्रशासन शराब को पकड़ क्यों नहीं पाता?
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