बिहार की सियासी जमीन एक बार फिर गरमा रही है और इस बार वजह है वक्फ संशोधन क़ानून। जहाँ एक तरफ़ बीजेपी इसे पारदर्शिता का हथियार बता रही है, वहीं उसके सहयोगी दल जेडीयू और अन्य एनडीए घटक असमंजस के भंवर में फँसे दिख रहे हैं। नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठ रहे हैं और मुस्लिम वोटों की नाराजगी का डर सहयोगियों को परेशान कर रहा है। दूसरी ओर, तेजस्वी यादव की अगुवाई में आरजेडी इस मौक़े को सुनहरे हथियार की तरह भुनाने की तैयारी में है। पटना की गलियों से लेकर दिल्ली के संसद तक यह मुद्दा अब सिर्फ़ क़ानून का नहीं, बल्कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ता की चाबी का सवाल बन गया है। तो क्या वक्फ क़ानून बिहार में बीजेपी के गठबंधन को कमजोर करेगा, या आरजेडी इस सियासी दंगल में बाजी मार लेगा? आइए, इसकी पड़ताल करें।