बिहार में एक बार फिर से जहरीली शराब ने कुछ लोगों को आगोश में ले कर हमेशा के लिए सुला दिया है। इससे बिहार में शराबबंदी की विफलता एक बार फिर से सामने आई है। पहले भी बिहार में जहरीली शराब से मौत की घटनाएं हुई हैं। जहरीली शराब से पूर्व में हुई मौत की घटनाओं से शायद ही नीतीश की सरकार ने कोई सबक सीखा होगा, लेकिन सवाल है कि भला उस राज्य में शराबबंदी सफल कैसे हो सकती है, जिस राज्य के सीमावर्ती राज्य में शराबबंदी नहीं है। बिहार के पश्चिम में है उत्तर प्रदेश, दक्षिण में है झारखंड, पूर्व में है पश्चिम बंगाल, और उत्तर में है नेपाल। बिहार में शराब की अवैध खेप इन्हीं सीमावर्ती राज्यों से होकर गुजरती हैं।
शराबबंदी न सही तो पाबंदी के साथ शराब बेचिये!
- बिहार
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- 10 Nov, 2021

बिहार में शराबबंदी का क्या असर हुआ है? क्या यह अपने मक़सद में कामयाब रहा है? यदि ऐसा है तो जहरीली शराब से आए दिन मौत की ख़बरें क्यों आती रहती हैं? क्या नीतीश शराबबंदी के फ़ैसले पर फिर से विचार करेंगे?
बात अगर कीमतों की करें तो 500 रुपए में मिलने वाली शराब तकरीबन 1500 रुपए से ज़्यादा में भी बिक जाती है। सीमावर्ती राज्य से बिहार में शराब की अवैध खेप पहुंचाने में बिहार की पुलिस और स्थानीय प्रशासन का भी बड़े पैमाने पर सहयोग मिलता है, क्योंकि इससे शराब के चस्के के साथ उनकी भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है।