बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत के बाद एक बार फिर से नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले पर वाद-विवाद शुरू हो गया है। तो क्या शराबबंदी से वाक़ई फायदा नहीं है?
बिहार में शराबबंदी का क्या असर हुआ है? क्या यह अपने मक़सद में कामयाब रहा है? यदि ऐसा है तो जहरीली शराब से आए दिन मौत की ख़बरें क्यों आती रहती हैं? क्या नीतीश शराबबंदी के फ़ैसले पर फिर से विचार करेंगे?
बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल को महंगा पड़ा सहानुभूति का प्रदर्शन। शराब कांड के पीड़ित परिवारों को बंट रहे बंद लिफाफे खुलने पर निकले पांच पांच हज़ार। जनता ने घेरा तो उलटे पांव भागना पड़ा। आलोक जोशी के साथ रवि रंजन, समी अहमद और अनिल सिन्हा।
शराब से 30 लोगों की मौत । कौन है इस
का ज़िम्मेदार ? नीतीश कुमार की शराबबंदी नारा अच्छा पर पूरी तरह से फेल । क्यों ? आशुतोष के साथ चर्चा में सतीश के सिंह, ऋषि मिश्रा, रवि रंजन और समी अहमद ।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। आरजेडी : बिहार में ‘शराब सिंडिकेट’ चलाया जा रहा है। आगामी चुनावों को लेकर बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक कल
बिहार पुलिस शराब के धंधे में लगे लोगों को क्यों नहीं पकड़ती। क्या बिहार में शराब की तस्करी संगठित धंधा बन चुकी है और क्या इसमें नेता, अफसर भी शामिल हैं।