बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में हुई मौत के उदाहरण को सामने रखकर शराबबंदी के ख़िलाफ़ आवाज़ मुखर हो रही है। मासूम-सा सवाल होता है- जब शराबबंदी कारगर नहीं है तो इसे जारी ही क्यों रखा जाए?
महामारी बन चुकी है शराब से मौत : क्यों न हो देशव्यापी निषेध?
- विचार
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- 16 Dec, 2022

बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत के बाद एक बार फिर से नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले पर वाद-विवाद शुरू हो गया है। तो क्या शराबबंदी से वाक़ई फायदा नहीं है?
शराबबंदी तो बमुश्किल पांच प्रदेशों में है जहां इसके फेल होने पर समय-असमय चर्चा होती रही है। मगर, देश के शेष हिस्सों में शराबबंदी नहीं है। फिर भी वहां जहरीली शराब से मौत की घटनाएं अक्सर घटती रही हैं। फिर इन घटनाओं को क्यों नहीं शराबबंदी क़ानून नहीं होने की वजह मानी जाए?