बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में हुई मौत के उदाहरण को सामने रखकर शराबबंदी के ख़िलाफ़ आवाज़ मुखर हो रही है। मासूम-सा सवाल होता है- जब शराबबंदी कारगर नहीं है तो इसे जारी ही क्यों रखा जाए?