क्या दो हजार के नोटों से आज़ादी मिलेगी? किन्हें चाहिए यह आज़ादी? क्यों लाये गये थे दो हजार के नोट? क्या दो हजार के नोट देश के दुश्मन हैं? ऐसे कई सवाल आम लोगों के मन में उमड़-घुमड़ रहे हैं क्योंकि सत्ताधारी दल के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दो हजार के नोट वापस लेने की मांग सदन में रख दी है।
दो हजार के नोटों से किन्हें चाहिए आज़ादी?
- विचार
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- 13 Dec, 2022

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में 2000 रुपये के नोटों को बंद करने की मांग क्यों की? क्या अब इसे ख़त्म करने की तैयारी है?
दो हजार के नोट तब पहली बार देखने को मिले थे जब नोटबंदी 2016 में लागू की गयी थी। इसने पांच सौ और हजार रुपये के वापस ले लिए गये नोटों का स्थान लिया था। दावा किया गया था कि नोटबंदी कालाधन पर प्रहार है, जाली नोटों के कारोबार और आतंकवादियों को फंडिग पर हमला है। लेकिन, हजार और पांच सौ के नोटों को बंद कर 2 हजार के नोटों को प्रचलन में लाने पर तब भी सवाल उठे थे, मगर सवालों को अनसुना कर दिया गया था।