शराब से 30 लोगों की मौत । कौन है इस का ज़िम्मेदार ? नीतीश कुमार की शराबबंदी नारा अच्छा पर पूरी तरह से फेल । क्यों ? आशुतोष के साथ चर्चा में सतीश के सिंह, ऋषि मिश्रा, रवि रंजन और समी अहमद ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।