बिहार में इस हफ्ते जहरीली शराब पीकर करीब तीन दर्जन लोगों ने अपनी जान गंवा दी लेकिन शनिवार को बिहार के हिन्दी अखबारों के पटना संस्करण में पहली खबर यह नहीं थी। दिवाली की बंदी के कारण शुक्रवार को शराबबंदी से मौत की खबर अखबारों से नहीं मिली थी। लेकिन छुट्टी के बाद छपे अखबारों में से एक को छोड़कर सबने खबर में नीतीश कुमार के बयान को अहमियत दी और एक तरह से मौत की खबर दबा दी। ’दैनिक भास्कर’ की हेडिंग से उधार लिया जाए तो अधिकतर अखबार शराब से मौतों की खबर पी गये।