वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने 24 नवंबर को अपने ट्विटर हैंडल पर यह सवाल पूछा है- दर्जनों हिन्दू मित्रों ने पूछा है, ‘मुसलमान अपने घरों में नमाज़ क्यों नहीं पढ़ सकते, उन्हें खुली जगह क्यों चाहिए?’

दिल्ली से सटे गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने के ख़िलाफ़ जिस तरह से कुछ हिंदू संगठनों ने अभियान चलाया उससे कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि आख़िर मुसलमानों को खुली जगह क्यों चाहिए? यह सवाल है या आपत्ति?
इस सवाल के साथ उन्होंने यह भी लिखा है- ‘मुझे हैरत है किसी मुसलिम मित्र ने इस स्वाभाविक सवाल का जवाब नहीं दिया। सुन्नी-शिया इसलाम दोनों में शुक्रवार दोपहर की नमाज़ समुदाय के साथ पढ़ना अनिवार्य है, इसलिए।’