नीतीश ने गुरूवार को भी जो शराब पिएगा वह मरेगा वाला बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद बिहार में सियासत गर्म है। विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं ने नीतीश कुमार के इस बयान को बेहद असंवेदनशील बताया है।
बिहार में जहरीली शराब पीने से मौतों का आंकड़ा 50 से ज्यादा हो गया है और नीतीश कुमार शराबबंदी के फैसले को लेकर बुरी तरह घिरते दिखाई दे रहे हैं। क्या शराबबंदी वाकई फेल हो गई है?
नीतीश कुमार ने कहा है कि जब शराबबंदी नहीं थी तब भी यहां लोग जहरीली शराब से मरते थे और अन्य राज्यों में भी बड़ी संख्या में लोग जहरीली शराब पीने से मरते हैं। शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब पीने की वजह से लगातार मौतों की खबर आने से साफ है कि यहां शराबबंदी पूरी तरह फेल हो गई है।
बिहार में नकली शराब से 24 लोगों के मारे जाने की ख़बर आई तो विधानसभा में हंगामा मचा। जानिए विधानसभा में जब नीतीश सरकार में शामिल रही बीजेपी ने अब सवाल उठाए तो नीतीश ने क्या जवाब दिया।
बिहार में शराबबंदी का क्या असर हुआ है? क्या यह अपने मक़सद में कामयाब रहा है? यदि ऐसा है तो जहरीली शराब से आए दिन मौत की ख़बरें क्यों आती रहती हैं? क्या नीतीश शराबबंदी के फ़ैसले पर फिर से विचार करेंगे?
अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य बिहार में इस सप्ताह पश्चिम चम्पारण ज़िले के कुछ गाँवों में 16 लोगों की मौत हो गयी है। ज़हरीली शराब से हुई इन मौतों की यह ख़बर धीरे-धीरे उजागर हुई है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नकली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 28 हो गई है। पुलिस ने इस मामले में शराब बिक्रेता और ठेका चलाने वालों समेत छह लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है।