अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य बिहार में इस सप्ताह पश्चिम चम्पारण ज़िले के कुछ गाँवों में 16 लोगों की मौत हो गयी है। ज़हरीली शराब से हुई इन मौतों की यह ख़बर धीरे-धीरे उजागर हुई है।
शुरू में इसे संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत बताया गया था।
बिहार की उप मुख्मंत्री रेणु देवी ने, जो ज़िले की बेतिया सीट से विधायक हैं, एक अख़बार के बयान में इसे शराब से हुई मौत मानने से इनकार किया है। ज़हरीली शराब कांड का यह सिलसिला मंगलवार से शुरू हुआ, लेकिन इस ख़बर को उजागर होने में समय लग गया।
ज़हरीली शराब से हुई मौत?
इसकी एक वजह तो यह है कि जिन परिवारों के लोग मरे हैं, वे नहीं चाहते कि शराब से मौत की बात मानें। इसलिए वे आनन फानन में लाशों का दाह संस्कार कर देते हैं। इस बार कई लाशों को दफ़नाया गया है। इसलिए सरकार चाहे तो उसका पोस्टमॉर्टम करा सकती है।
दूसरी वजह यह है कि स्थानीय प्रशासन पहली बार में यह मानने को तैयार नहीं होता कि मौत का कारण ज़हरीली शराब है। इससे सरकार के उस दावे की पोल खुलती है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है।
इन 16 लोगों की मौत की ख़बर पटना के एक अंग्रेजी अख़बार को छोड़कर अधिकतर जगह दब गयी, हालांकि उनके बेतिया संस्करण में यह खबर ढंग से छपी है।
जाँच
पश्चिम चम्पारण के सरकारी अफ़सर इन मौतों के लिए बहुत तकनीकी होकर ज़हरीली शराब को कारण मानते हुए जाँच कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन इनमें से चार की मौत को इसलिए ज़हरीली शराब से हुई मौत मानने को तैयार हुआ है कि उनके परिवार वालों ने यह बात मान ली है।
16 जुलाई को जारी सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, दो के बारे में परिवार वालों ने प्रशासन को बताया है कि उन्हें बीमारी
थी। बाकी 10 के बारे में जाँच चल रही है।
इसी साल होली के दौरान नवादा में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत ज़हरीली शराब पीने से हुई थी, हालांकि तब भी सरकारी अफ़सरों ने इसे संदिग्ध स्थिति में हुई मौत बताया था।
बिहार में शराबंदी की विफलता की चर्चा अक्सर होती है, लेकिन यह बहस ज़हरीली शराब से मौतों के बाद शुरू होती है और कुछ ही दिनों बाद ठंडी पड़ जाती है।
मामला क्या है?
नवादा की ही तरह पश्चिम चम्पारण में भी ज़हरीली शराब से पीड़ित परिवार कमज़ोर तबके के हैं।
पश्चिम ज़िला प्रशासन के अनुसार, उसे 15 जुलाई को शाम लगभग सात बजे यह सूचना मिली कि लौरिया प्रखंड के देउरवा गांव, रामनगर प्रखंड के जोगिया एवं बगही गांव में पिछले 2-3 दिनों में आठ लोगों की संदिग्ध मौत हुई है।
प्रशासन के अनुसार जहरीली शराब से संदिग्ध मौत के मामले में देउरवा ग्राम में रामवृक्ष चैधरी, लतीफ़ साह, बिकाऊ साह एवं भगवान पाण्डा, जोगिया गांव के सुरेश साह, नईम हजाम, वशिष्ठ सोनी एवं बगही गाँव के रतुल मिस्त्री के नाम हैं।
प्रशासन के अनुसार, 16 जुलाई को उसी क्षेत्र से आठ और संदिग्ध मृत्यु की ख़बर मिली, जिसमें सबेया ग्राम के गुड्डू मियां, तेज मुहम्मद एवं जवाहिर मियाँ, डुमरा गाँव के जुलफान मियाँ, ग्राम जोगिया के हीरालाल डोम, बसवरिया गाँव के अमिरूल साह, गबनाहा के इज़हारुल अंसारी एवं झुन्ना मियाँ के नाम शामिल हैं।
इस प्रकार से कुल 16 संदिग्ध मौत की सूचना सामने आई।
पश्चिम चम्पारण के ज़िलाधिकारी कुंदन कुमार का कहना है इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इस मामले में दर्ज एफ़आईआर के आधार पर पाँच लोगों को हिरासत में लिया गया है और दो चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है।
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