कहने को तो बिहार में शराबबंदी है लेकिन गोपालगंज से जो तसवीर सामने आई है, वह यह बताती है कि शराबबंदी सिर्फ़ कागजों में है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता को शराबबंदी के फायदे समझाते नहीं थक रहे हैं। लेकिन फायदा तो तब होगा जब शराबबंदी होगी।
गोपालगंज से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बीच सड़क पर एक गाड़ी से लोग शराब लूट रहे हैं। आसपास खड़े लोगों ने इस लूट का वीडियो बना लिया और यह वायरल हो गया।
शराब के पैकेटों से भरी इस गाड़ी पर लोग इस तरह टूट पड़े कि मानो उन्हें इसकी बेहद ज़रूरत हो। थोड़ी ही देर में पूरी गाड़ी लुट गयी।
हुआ ये कि गोपालगंज में एक बोलेरो गाड़ी ने एक साइकिल सवार को टक्कर मार दी। भड़के लोगों ने गाड़ी पर पथराव कर दिया और उन्हें गाड़ी में शराब होने का पता चला। बस इसके बाद क्या था, लूट मच गयी।
बिहार में बीते कई महीनों में ज़हरीली या नकली शराब पीने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ये मौतें नवादा, पश्चिमी चंपारण, मुज़फ्फरपुर, सिवान, रोहताश, बेतिया और गोपालगंज में हुई हैं।
हद तो तब हो गयी जब बीते महीने बिहार विधानसभा परिसर में शराब की खाली बोतल मिली थी। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल भी उठाया था।
इससे पता चलता है कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फ़ेल हो चुकी है। बिहार में यह चर्चा आम है कि वहां पर आसानी से शराब मिल जाती है। भ्रष्ट अफ़सरों और पुलिस का एक बड़ा तंत्र है, जो इस काम में लगा हुआ है।
शराबबंदी वाले बिहार में यह सब कैसे हो रहा है, इसका जवाब नीतीश सरकार को ज़रूर देना चाहिए।
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