क्या भारत में ऐसा कोई उदाहरण मिलेगा कि किसी सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को खरीदने के लिए ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ चल रही हो और सत्ताधारी पार्टी अपने विधायकों को बचाने के लिए कोई कोशिश नहीं कर रही हो। झारखंड में तो यूपीए को जमाने भर से छिपाने की कवायद चल रही है। ऐसा ही पहले महाराष्ट्र में देखा गया, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान तक में देखा गया।