क्या भारत में ऐसा कोई उदाहरण मिलेगा कि किसी सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को खरीदने के लिए ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ चल रही हो और सत्ताधारी पार्टी अपने विधायकों को बचाने के लिए कोई कोशिश नहीं कर रही हो। झारखंड में तो यूपीए को जमाने भर से छिपाने की कवायद चल रही है। ऐसा ही पहले महाराष्ट्र में देखा गया, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान तक में देखा गया।
सवालों के घेरे में उलझ गई है आम आदमी पार्टी
- दिल्ली
- |
- |
- 1 Sep, 2022

दिल्ली में नई आबकारी नीति पर बवाल होने के बाद आम आदमी पार्टी ने ऑपरेशन लोटस का मुद्दा उछाल दिया। लेकिन क्या इससे उसकी मुश्किलें कम हो जाएंगी?
मगर, दिल्ली में न विधायकों को छिपाया गया, न रिजॉर्ट या होटल ले जाया गया और न ही राजनीति में कोई हलचल ही दिखाई दी। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी में कोई चिंता भी दिखाई ही नहीं दी।
क्या कभी आपने ऐसा देखा है कि जिस पार्टी के पास 70 में से 62 विधायक हों, उस पार्टी की तरफ से यह कहा जा रहा हो कि हमारी सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है? क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि न तो किसी विधायक को खरीदने का कोई सबूत मिला है और न ही किसी विधायक के पास कोई नोटों से भरा बैग भेजा गया है। यहां तक कि आसपास तो क्या दूर तक ऐसा कोई बैग बरामद भी नहीं हुआ जिसे उन विधायकों को दिया जाना हो, तो भी यह कहा जाए कि हमारे विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है, तो सवाल उठेंगे ही। इन सबके बावजूद कहा जा रहा है कि आप विधायकों को खरीदने के लिए ऑपरेशन लोटस चलाया जा रहा है।