सारण जिले में पिछले तीन-चार दिनों के दौरान जहरीली शराब से करीब 50 लोगों की मौत की सूचना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए गंभीर सवाल खड़ा हुआ है कि क्या वह शराबबंदी की जंग हार जाएंगे। यह सवाल पहले भी पूछा जाता रहा है लेकिन इस बार क्योंकि भारतीय जनता पार्टी उनके साथ सरकार में शामिल नहीं है इसलिए यह ज्यादा मुखर तरीके से सामने आया है।