250 वार्ड वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में अपना मेयर बनाने के लिए 126 पार्षदों का साथ चाहिए। आम आदमी पार्टी इस आंकड़े से ज्यादा वार्ड जीत चुकी है। लेकिन उसे अपने पार्षदों में सेंध लगने का डर हो सकता है। चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134, बीजेपी को 104 और कांग्रेस को 9 सीटों पर जीत मिली है।
एमसीडी: पार्षदों में सेंध लगने का डर; नहीं लागू होता दल बदल कानून
- दिल्ली
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- 7 Dec, 2022
नगर निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता है। इसका मतलब पार्षद अपना पाला बदल सकते हैं क्योंकि उन्हें अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। ऐसी स्थिति में बीजेपी और आम आदमी पार्टी, दोनों पार्टियों को इस बात का डर है कि उनके पार्षद उन्हें छोड़कर दूसरे राजनीतिक दल के साथ जा सकते हैं।

वैसे तो यह दोनों ही दलों के लिए चिंता की बात है क्योंकि किसी के भी पार्षदों में सेंध लग सकती है। लेकिन पिछले कुछ सालों में बीजेपी पर आरोप लगे हैं कि वह विपक्षी दलों की सरकारों को गिराने के लिए उनके विधायकों में तोड़फोड़ करती है इसलिए आम आदमी पार्टी के लिए अपने पार्षदों को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती है।
इस बारे में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज का कहना है कि पार्टी ने सभी पार्षदों को निर्देश दिए हैं कि अगर उनसे कोई भी संपर्क करता है तो उसकी रिकॉर्डिंग कर लें और हम ऐसे लोगों का पर्दाफाश करेंगे।