वाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी और शर्तों के अपडेट से क्या आपके डेटा की सुरक्षा ख़तरे में है? इसको लेकर आरोप कितने गंभीर हैं इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कंपनी ने अख़बारों में फुल पेज का विज्ञापन जारी किया है। इस पूरे मामले में सफ़ाई दी है और बार-बार यह दावा किया है कि उनके संदेश और वॉइस कॉल पूरी तरह सुरक्षित हैं। आख़िर वाट्सऐप को इसपर ऐसी सफ़ाई क्यों देनी पड़ी?
इसे समझने के लिए पहले जानिए कि वाट्सऐप पर आरोप क्या लग रहे हैं। वाट्सऐप इस समय लोगों को मैसेज भेज रहा है कि वे उसकी नई शर्तों को मान लें। इन दिनों जब आप वाट्सऐप चैट खोलेंगे तो एक पॉप-अप आएगा जिसमें आपको कुछ शर्तें बताई जाएँगी और उन्हें मानने के लिए कहा जाएगा। अगर आप नहीं मानते हैं तो आपकी सर्विस 8 फ़रवरी से समाप्त।
प्राइवेसी के नए नियमों और शर्तों को मंज़ूरी दिए बिना आप आठ फ़रवरी के बाद वॉट्सऐप इस्तेमाल नहीं कर सकते। ज़ाहिर है वॉट्सऐप आपसे ‘जबरन सहमति’ ले रहा है क्योंकि यहाँ सहमति न देने का विकल्प आपके पास है ही नहीं। आम तौर पर यूज़र्स को किसी अपडेट को ‘स्वीकार’ या अस्वीकार करने का विकल्प दिया जाता है।
कहा जा रहा है कि अब तक वाट्सऐप की सेवा इनक्रिप्टेड थी यानी उसे कोई देख-पढ़ नहीं सकता था लेकिन उसकी नई पॉलिसी के बाद यह प्राइवेसी ख़त्म हो जाएगी और कंपनी के पास उसे इस्तेमाल का अधिकार होगा। पुरानी पॉलिसी में जहाँ यह कहा गया था कि वाट्सऐप बेहद मज़बूत प्राइवेसी पॉलिसी में यक़ीन रखता है लेकिन नई पॉलिसी में इसका कहीं कोई ज़िक्र नहीं है। इसको लेकर भी आरोप लगाया जा रहा है कि क्या यूज़र की प्राइवेसी ख़तरे में है और उसके डेटा को कंपनी किसी को भी और कभी भी बेच सकती है?
प्राइवेसी पॉलिसी में यह कहा गया था-
'आपकी निजता का सम्मान करना हमारे डीएनए में है। हमने जबसे वॉट्सऐप बनाया है, हमारा लक्ष्य है कि हम निजता के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए ही अपनी सेवाओं का विस्तार करें...'
अब नई प्राइवेसी पॉलिसी में ‘निजता के सम्मान’ वाला शब्द नहीं है। नई पॉलिसी कहती है:
'हमारी प्राइवेसी पॉलिसी से हमें अपने डेटा प्रैक्टिस को समझाने में मदद मिलती है। अपनी प्राइवेसी पॉलिसी के तहत हम बताते हैं कि हम आपसे कौन सी जानकारियाँ इकट्ठा करते हैं और इससे आप पर क्या असर पड़ता है...।'
यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि यह सब फ़ेसबुक द्वारा वाट्सऐप के अधिग्रहण के बाद हुआ। यह विवाद इसलिए भी उठा है कि अब फ़ेसबुक एक नये बिज़नेस मॉडल पर काम कर रहा है जिसके तहत वह उन कंपनियों से पैसे लेगा जो वाट्सऐप कस्टमर से डील करते हैं।
यानी किसी भी तरह के व्यापारिक सौदे में फ़ेसबुक एक तयशुदा राशि वसूलेगा। अभी तक वाट्सऐप पर हर तरह के कमर्शियल लेन-देन फ्री हैं।
इन्हीं वजहों से आरोप तो यह भी लगाया जा रहा है कि वाट्सऐप पर भी आपको तरह-तरह के विज्ञापन फ़ेसबुक के ज़रिये देखने को मिलेंगे जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से निर्देशित होंगे और आपकी पसंद के अनुसार ही होंगे जैसा गूगल में हो रहा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि वाट्सऐप का पूरी तरह से व्यावसायीकरण होगा और आपकी प्राइवेसी का कोई महत्व नहीं रहेगा। ऐसे में सवाल है कि क्या आपसे जुड़े डेटा की कोई अहमियत नहीं रहेगी और कंपनी इसे अपनी किसी भी सहयोगी कंपनी से शेयर भी कर सकती है? कम से कम जानकार तो पॉलिसी अपडेट के बाद यही आरोप लगा रहे हैं।
कंपनी की सफ़ाई
इन्हीं आरोपों के बीच वाट्सऐप ने पूरे पेज का विज्ञापन देकर साफ़ किया है कि पॉलिसी अपडेट के बाद क्या बदला और क्या नहीं बदला।
क्या बदला है?
वाट्सऐप ने कहा है कि 'पॉलिसी अपडेट से दोस्तों या परिवार को भेजे गए मैसेज की गोपनीयता किसी भी रूप में नहीं प्रभावित होगी। बजाए इसके इस अपडेट में वह बदलाव शामिल है जो वाट्सऐप पर बिजनेस से जुड़ा है। यह भी वैकल्पिक है। यह अपडेट उसके बारे में और पारदर्शिता लाता है जिसे हम जुटाते हैं और इस्तेमाल करते हैं।'
क्या नहीं बदला
विज्ञापन में वाट्सऐप ने साफ़ किया है कि वह न तो निजी संदेशों को देख सकता है और न ही कॉल को सुन सकता है। इसमें दावा किया गया है कि 'हर निजी संदेश, फ़ोटो, वीडियो, वॉइस मैसेज, और डॉक्यूमेंट जो आप अपने दोस्तों, परिवारों और सह कर्मियों को एक एक कर या ग्रुप में भेजते हैं वे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से सुरक्षित हैं। ये सिर्फ़ आप लोगों के बीच ही रहते हैं।' इसमें यह भी कहा गया है कि वाट्सऐप की तरह फ़ेसबुक भी निजी जानकारी नहीं देख सकता है।
विज्ञापन में कहा गया है कि वाट्सऐप शेयर की गई लोकेशन को नहीं देख सकता है और फ़ेसबुक भी नहीं। कंपनी की ओर से यह भी दावा किया गया है कि वाट्सऐप ग्रुप निजी ही है। इसने कहा है कि हम डेटा को विज्ञापन के मक़सद के लिए फ़ेसबुक से साझा नहीं करते हैं। इसके साथ ही यह भी दावा किया गया है कि वाट्सऐप कॉन्टैक्ट की जानकारी फ़ेसबुक या दूसरी ऐप के साथ साझा नहीं करता है।
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