सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानूनों की वैधता की जाँच करेगा। कोर्ट ने इस पर दोनों राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट का यह फ़ैसला ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून के ख़िलाफ़ दायर कई याचिकाओं पर आया है। इस क़ानून के आने से पहले ही इस पर विवाद होता रहा है। इस क़ानून को भारत के संवैधानिक प्रावधानों के ख़िलाफ़ बताया जाता रहा है।
ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानूनों की वैधता जाँचेगा सुप्रीम कोर्ट
- देश
- |
- |
- 7 Jan, 2021

सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानूनों की वैधता की जाँच करेगा। कोर्ट ने इस पर दोनों राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट में जो याचिकाएँ दायर की गई हैं उनमें भी दावा किया गया है कि वे संविधान के बुनियादी ढांचे को तोड़ते-मरोड़ते हैं। याचिकाओं में मांग की गई है कि क्योंकि वे धर्मनिरपेक्षता, समानता और गैर-भेदभाव का उल्लंघन करते हैं इसलिए उन्हें रद्द किया जाए। एक याचिका में कहा गया है कि यह क़ानून समाज में विभाजन को बढ़ावा देने वाला है, इसलाम व मुसलिम समुदाय के प्रति संदेह उत्पन्न करता है और समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करता है।