कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान राजनीतिक विश्लेषकों, पत्रकारों व समाज के बुद्धिजीवी वर्ग की नज़र इस बात पर रही कि किस राज्य का मुख्यमंत्री कैसा काम कर रहा है। इस दौरान राजनीति भी ख़ूब हुई और तमाम नाकामियों के बाद भी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अपने मुख्यमंत्रियों की विफ़लताओं को छुपाते रहे।