राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड किया गया तो ट्विटर पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम क्यों ट्रेंड करने लगा? इसका जवाब भी सोशल मीडिया पर यूज़रों के ट्वीट में मिलता है। वे लिखते हैं कि खेल अवार्ड का नाम खेल हस्तियों से जुड़े लोगों के नाम पर ही होना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही खेल स्टेडियम के नाम भी खिलाड़ियों के नाम पर ही होने चाहिए। हाल ही में मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलकर रखे गए नरेंद्र मोदी स्टेडियम का ज़िक्र कर सोशल मीडिया पर कहा गया कि इसका नाम कब बदला जाएगा?
बता दें कि प्रधानमंत्री ने आज कहा है, 'देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।'
प्रधानमंत्री की इसी घोषणा को लेकर ट्विटर यूज़रों ने सवाल उठाए। जानी मानी पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने लिखा, "क्रिकेट के किसी दिग्गज के नाम पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलने के लिए 'भारत भर के नागरिकों से कोई अनुरोध' नहीं? ऐसे कैसे चलेगा?"
No ‘requests from citizens across India’ to rename the Narendra Modi stadium after a cricketing legend?
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) August 6, 2021
Aise kaise chalega?
ध्रुव राठी नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है, 'राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने का मोदी सरकार का बढ़िया फ़ैसला है।
अब मुझे उम्मीद है कि वे नरेंद्र मोदी स्टेडियम और जेटली स्टेडियम का भी नाम बदल सकते हैं। सभी राजनेताओं के नाम हटा दें।'
Great decision by Modi Govt to rename Rajiv Gandhi Khel Ratna Award to Major Dhyan Chand Khel Ratna Award.
— Dhruv Rathee 🇮🇳 (@dhruv_rathee) August 6, 2021
Now I hope they can rename Narendra Modi Stadium and Jaitley Stadium also. Remove all politician names.
मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न अवार्ड का नाम रखने के फ़ैसले के स्वागत किए जाने के एक ट्वीट के जवाब में आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखल ने लेखा, 'मैं इसको लेकर सुनिश्चित नहीं हूँ कि यह उचित है या नहीं कि देश के सबसे बड़े स्टेडियम का नाम खुद नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा गया हो।'
Not sure if it's appropriate that the country's largest stadium is named after Narendra Modi himself. https://t.co/YwfyXdnrDB
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) August 6, 2021
सबा नक़वी ने ट्वीट किया, 'बस क्रिकेट के किसी दिग्गज के नाम पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलने का इंतज़ार है। ज़रूर होगा।'
Just waiting for Narendra Modi stadium to be renamed after a cricketing legend. Sure it will happen. 😆
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) August 6, 2021
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने लिखा है, 'जैसा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है, मैं उनसे नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम बदलकर सरदार पटेल स्टेडियम करने का अनुरोध करना चाहूँगा।'
As @narendramodi Govt renamed Rajiv Gandhi Khel Ratna Award to Major Dhyan Chand Khel Ratna Award, I would like to request them to rename Narendra Modi Stadium to Sardar Patel Stadium again. pic.twitter.com/w1ccKacK4b
— Shankersinh Vaghela (@ShankersinhBapu) August 6, 2021
जानी मानी पत्रकार साक्षी जोशी ने लिखा, 'अच्छा क़दम। अब समय आ गया है कि हम सभी राजनेताओं के नाम खेल स्टेडियमों, पुरस्कारों आदि से हटा दें। जैसे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न राजीव गांधी खेल रत्न से ज़्यादा किसी खिलाड़ी को प्रेरित करेगा। खिलाड़ी किसी खिलाड़ी के नाम पर पर रखे गए स्टेडियम में खेलने के लिए प्रेरित होंगे, न कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में।'
Good move
— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) August 6, 2021
It’s time we remove all politicians’ names from sports stadiums, awards etc
Just like Major Dhyan Chand Khel Ratna would motivate a player more than Rajiv Gandhi Khel Ratna
Players wud be motivated to be playing in a player named and not Narendra Modi stadium
वरिष्ठ पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा, 'बेहतरीन फ़ैसला। नरेंद्र मोदी स्टेडियम शायद ठीक है?'
Excellent decision. The Narendra Modi stadium is presumably ok? https://t.co/WuoxSPU9yZ
— Swati Chaturvedi (@bainjal) August 6, 2021
प्रधानमंत्री का यह फ़ैसला ऐसे वक़्त में आया है जब हॉकी टीम को स्पॉन्सर करने के लिए ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार की काफ़ी तारीफ़ हो रही है। रिपोर्टें हैं कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम और भारतीय महिला हॉकी टीम को स्पॉन्सर नहीं मिल रहा था तो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सामने आए थे और ओडिशा सरकार ने यह ज़िम्मेदारी उठाई थी। ओडिशा सरकार ने 2018 में ही दोनों टीमों की ज़िम्मेदारी ली और 150 करोड़ रुपए खर्च कर दोनों ही टीमों को पाँच साल के लिए स्पॉन्सर किया।
इस ओलंपिक में भारत की पुरुष हॉकी और महिला हॉकी टीम, दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया है।
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