नागरिकता क़ानून, एनआरसी जैसे मुद्दों को लेकर ट्विटर पर पोल करने और फिर उस पोल को डिलीट करने पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या पोल के परिणाम नागरिकता क़ानून या एनआरसी के पक्ष में नहीं आए इसलिए इन्हें डिलीट किया जा रहा है? क्या इन पोल के नतीजे पक्ष में आते दिखते तो इन्हें किस तरह पेश किया जाता?