क्या झारखंड में हार के बाद बीजेपी हिल गई है और पार्टी में मंथन शुरू हो गया है? क्या पार्टी को रणनीति बदलनी पड़ी है? क्या उसको अब सहयोगियों के एनडीए छोड़ने का एहसास हो गया है? कहा जा रहा है कि झारखंड में आजसू के अलग होने से बीजेपी को बड़ी हार हुई है। महाराष्ट्र में भी शिवसेना के अलग होने से बीजेपी सत्ता से दूर हो गई है। और अब नागरिकता क़ानून व एनआरसी जैसे विवादास्पद मुद्दों पर दूसरे सहयोगी दल नाराज़ हैं। इसी बीच रिपोर्टें हैं कि जिस जदयू को केंद्र सरकार में शामिल करने को बीजेपी राज़ी नहीं हुई थी वही अब उसे न केवल शामिल करने को तत्पर है, बल्कि दो मंत्रियों का पद देने को तैयार है।