क्या झारखंड में हार के बाद बीजेपी हिल गई है और पार्टी में मंथन शुरू हो गया है? क्या पार्टी को रणनीति बदलनी पड़ी है? क्या उसको अब सहयोगियों के एनडीए छोड़ने का एहसास हो गया है? कहा जा रहा है कि झारखंड में आजसू के अलग होने से बीजेपी को बड़ी हार हुई है। महाराष्ट्र में भी शिवसेना के अलग होने से बीजेपी सत्ता से दूर हो गई है। और अब नागरिकता क़ानून व एनआरसी जैसे विवादास्पद मुद्दों पर दूसरे सहयोगी दल नाराज़ हैं। इसी बीच रिपोर्टें हैं कि जिस जदयू को केंद्र सरकार में शामिल करने को बीजेपी राज़ी नहीं हुई थी वही अब उसे न केवल शामिल करने को तत्पर है, बल्कि दो मंत्रियों का पद देने को तैयार है।
झारखंड में हार के बाद बीजेपी में बदलाव शुरू?
- राजनीति
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- 2 Jan, 2020

क्या बीजेपी को अब सहयोगियों के दूर होने की कमी खलने लगी है? शिवसेना, झारखंड में आजसू के एनडीए से अलग होने और दूसरे सहयोगियों के नाराज़ होने से क्या बीजेपी में खलबली मची है?
ऐसे समय में जब बीजेपी के सहयोगी दल इससे दूर होते जा रहे हैं, पार्टी नीतीश कुमार की जदयू से घनिष्ठता बढ़ाने के प्रयास में जुट गई है। कहा जा रहा है कि बीजेपी चाहती है कि जदयू केंद्र सरकार में शामिल हो और इसके लिए जदयू तैयार भी हो गया है। वैसे, बिहार में जदयू बीजेपी का सहयोगी है, लेकिन केंद्र सरकार में शामिल नहीं है। हाल के दिनों में जदयू की तरफ़ से नागरिकता क़ानून और एनआरसी जैसे विवादास्पद मुद्दों पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आई है। इस बीच जदयू नेता प्रशांत किशोर के बयान के बाद खटास और बढ़ गई थी। कहा जा रहा है कि बिहार में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी की चिंताएँ बढ़ गई हैं।